रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में क्रिएटिव थिंकिंग: द पावर ऑफ क्रिटिकल थॉट – नेविगेटिंग कॉम्प्लेक्सिटीज फॉर अ सस्टेनेबल फ्यूचर विषय पर व्याख्यान
बरेली,22 सितम्बर। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रबंधन संकाय के सिंडीकेट हाल में कल आयोजित विशेष व्याख्यान के दौरान उत्तरांचल विश्वविद्यालय, देहरादून के सहायक प्रोफेसर डॉ. नवनीत कुमार शुक्ला ने “क्रिएटिव थिंकिंग: द पावर ऑफ क्रिटिकल थॉट – नेविगेटिंग कॉम्प्लेक्सिटीज फॉर अ सस्टेनेबल फ्यूचर” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। डॉ. शुक्ला ने अपने व्याख्यान में स्टार्टअप इंडिया और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) के संदर्भ में क्रिटिकल थिंकिंग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए वैश्विक स्तर पर क्रिटिकल थिंकिंग को अपनाना और उसका प्रभावी प्रयोग करना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कौशल कानूनी सलाहकार, मानव संसाधन प्रबंधक, उद्यमियों और स्टार्टअप संस्थापकों के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि इसके माध्यम से सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। क्रिटिकल थिंकिंग के माध्यम से किसी भी समस्या का नैतिक, किफायती और प्रभावी समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
डॉ. शुक्ला ने छात्रों को उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग पर बल देते हुए कहा कि इस कौशल को अपनाकर हम सतत विकास लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सामान्य लोगों से अलग होने के लिए क्रिटिकल थिंकिंग आवश्यक गुण है, जो विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार करता है।
इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. तूलिका सक्सेना ने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपने विद्यार्थियों को सक्षम बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने क्रिटिकल थिंकिंग को सिलेबस में शामिल किया है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने शैक्षणिक विकास को ध्यान में रखते हुए इस कौशल को विकसित करें। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती वैशाली द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुनील ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रोफेसर संजय मिश्रा, डॉ. प्रियंका, डॉ. नंदिता, बाला प्रताप सिंह, तपन वर्मा, गौरव सिंह सहित होटल मैनेजमेंट विभाग से श्री एचएम आज़ाद और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट