BSF के नए चीफ बने दलजीत सिंह चौधरी, गृह मंत्रालय ने अगले आदेश तक सौंपी जिम्मेदारी
नई दिल्ली : सरकार ने बीएसएफ के नए चीफ की नियुक्ति कर दी है। हालांकि अभी इस पद के लिए स्थाई नियुक्ति नहीं की गई है। गृह मंत्रालय ने नियमित पद पर नियुक्ति होने तक या अगले आदेश तक महानिदेशक (बीएसएफ) दलजीत सिंह चौधरी को महानिदेशक (एसएसबी) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। यह कदम बीएसएफ महानिदेशक नितिन अग्रवाल को उनके राज्य कैडर में वापस भेजे जाने के एक दिन बाद उठाया गया है।
बता दें कि गृहमंत्रालय ने बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल नितिन अग्रवाल को उनके पद से हटा दिया था और समय से पहले ही उनके राज्य कैडर में वापस भेज दिया। इसके अगले ही दिन गृहमंत्रालय ने नोटिस जारी कर एसएसबी के डीजी दलजीत सिंह चौधरी को ये जिम्मेदारी सौंपी है। BSF के डीजी नितिन अग्रवाल पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती भारत की सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते थे। उन्हें कार्यकाल के बीच में ही यहां से हटाकर उनके मूल राज्य कैडर केरल वापस भेजने के आदेश दिए गए। जबकि बीएसएफ के स्पेशल डीजी वाई. बी. खुरानिया को भी तत्काल प्रभाव से उनके मूल राज्य कैडर भेजने के आदेश जारी किए गए।
शुक्रवार को जारी किए गए दोनों अलग-अलग आदेशों में बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल के बारे में बताया गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने केरल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस और बीएसएफ के डीजी अग्रवाल को तुरंत प्रभाव से उनके मूल राज्य कैडर वापस भेजने के आदेश दिए हैं। इस मामले में उन्हें समय से पहले उनके मूल राज्य कैडर में वापस भेजने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिया था। इसे समिति ने मंजूरी देते हुए उन्हें वापस केरल भेजने की मंजूरी दे दी। आईपीएस अग्रवाल ने पिछले साल जून में बीएसएफ के डीजी का कार्यभार संभाला था।
इसी तरह से कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने ओडिशा कैडर के 1990 बैच के आईपीएस और बीएसएफ के स्पेशल डीजी वाई. बी. खुरानिया को भी उनके मूल कैडर में वापस भेजने के आदेश दिए गए हैं। यह प्रस्ताव भी गृह मंत्रालय ने दिया था। जिसे समिति ने मंजूरी दे दी। खुरानिया बीएसएफ के स्पेशल डीजी (पश्चिम) के रूप में पाकिस्तान सीमा पर बल का नेतृत्व कर रहे थे। बीएसएफ के इन दोनों टॉप अफसरों को उनके मूल कैडर वापस भेजने के आदेशों में फिलहाल कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले बढ़े हैं। उसे देखते हुए संभवत: यह फैसले लिए गए।
दलजीत सिंह चौधरी 1990 बैच के यूपी कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं. उनका जन्म 25 नवम्बर 1965 में हुआ था. दिल्ली में जन्मे यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी की गिनती तेज तर्रार अधिकारियों में होती है. उन्हें अब तक 3 बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है. आईपीएस दलजीत चौधरी की बहादुरी को देखते हुए उन्हें समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार में एडीजी एलओ यानी अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था बनाया गया था. आईपीएस दलजीत सिंह चौधरी यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी होने के बावजूद लंबे समय से केंद्र में बड़ी-बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
दलजीत सिंह चौधरी यूपी कैडर के 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं. दलजीत चौधरी जन्म 25 नवम्बर 1965 को दिल्ली में हुआ था. यूपी कैडर के आईपीएस अफसर दलजीत सिंह चौधरी की गिनती तेज तर्रार अधिकारियों में की जाती है. आईपीएस दलजीत सिंह चौधरी को अब तक तीन बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है. पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार में आईपीएस दलजीत चौधरी की बहादुरी को देखते हुए उन्हें अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी होने के बावजूद दलजीत सिंह चौधरी केंद्र में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। वह 30 नवंबर 2025 में सेवानिवृत्त होंगे.