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साइबर ठगों के झांसे में आकर 30 बार में ट्रांसफर कर दिए 1.35 करोड़ रुपये, IPO में निवेश के नाम पर हड़पे पैसे

साइबर ठगों ने शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर एक व्यक्ति से 1.35 करोड़ रुपये की ठगी की। पीड़ित ने अपनी जमा पूंजी, बचत और लोन लेकर यह रकम गंवा दी। शुरुआत में ठगों ने उसे मुनाफे का लालच दिया और निवेश की गई धनराशि दो बार निकालने दी। इसके बाद IPO में निवेश के नाम पर मोटी रकम ट्रांसफर कराई गई।

मुख्य बिंदु:

ब्रज विहार निवासी एक व्यक्ति से साइबर ठगों ने शेयर ट्रेडिंग का झांसा देकर पैसे ठगे।
साइबर अपराधियों ने मोटे मुनाफे का वादा किया था।
दो महीनों में पीड़ित ने अपनी बचत, एमआईएस, लोन, और पीपीएफ खाते से पैसे ट्रांसफर किए।
पीड़ित से 30 बार में 10 विभिन्न बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कराए गए।
शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज किया गया।
गुलशन वाधवा, जो ब्रज विहार निवासी और एक निजी कंपनी के कर्मचारी हैं, ने अक्टूबर में सोशल मीडिया पर शेयर ट्रेडिंग के वीडियो देखे थे। इसके बाद उन्हें एक लिंक के जरिए वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया। 13 अक्टूबर के बाद उन्हें शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के लिए प्रोत्साहित किया गया और 22 अक्टूबर से उन्होंने खाता खोलकर निवेश शुरू किया। पहले 10 हजार रुपये निवेश पर 699 रुपये का मुनाफा मिला, जिसे निकालने पर उन्हें पूरा 10,699 रुपये वापस किया गया। इसके बाद उन्होंने 55 हजार रुपये लगाए और बदले में 50 हजार रुपये निकाले।

IPO में निवेश का झांसा: इसके बाद ठगों ने पीड़ित को IPO में निवेश करने के लिए राजी किया। उन्हें बताया गया कि IPO में 100 से 200 प्रतिशत तक मुनाफा हो सकता है। जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की, तो उन्हें बताया गया कि उनकी धनराशि फ्रीज़ कर दी गई है, क्योंकि उन्हें और पैसे निवेश करने होंगे। ठगों ने लगातार चार IPO में निवेश के नाम पर पीड़ित से 33 लाख रुपये का ब्याज मुक्त लोन लिया, जो उसके खाते में नहीं आया।

एक अन्य साइबर ठगी का मामला: राजनगर एक्सटेंशन निवासी निधि शर्मा को साइबर ठगों ने मनी लॉड्रिंग का आरोप लगाकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया और उनसे छह लाख रुपये ठग लिए। आरोपित ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया और कहा कि महिला का मोबाइल सिम मनी लॉड्रिंग में उपयोग किया गया था। महिला से छह बार में छह लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए।

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव:

किसी भी अनजान कॉल पर अपनी निजी जानकारी जैसे घर का पता, बैंक अकाउंट डिटेल, आधार कार्ड या पैन कार्ड की जानकारी न दें।
पर्सनल डेटा और बैंक ट्रांजेक्शन अकाउंट्स पर मजबूत पासवर्ड लगाकर रखें।
अनजान नंबर से कॉल आने पर पहले सामने वाले की पहचान की पुष्टि करें।
यदि कोई संदेह हो, तो तुरंत फोन काटकर नंबर को ब्लॉक कर दें।
साइबर क्राइम होने पर नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें।

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