संभल हिंसा मामले में राहुल गांधी का वार, बोले- हिंदू-मुसलमान समाज के बीच दरार पैदा करती है भाजपा सरकार
संभल: यूपी के संभल हिंसा मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान आया है। इस दौरान उन्होंने जमकर भाजपा सरकार पर निशाना। साथ ही बवाल का जिम्मेदार योगी सरकार को ठहराया। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया। और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना – जिसकी सीधी ज़िम्मेदार भाजपा सरकार है।
सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की अपील
भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न प्रदेश के हित में है, न देश के। मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं। मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखें। हम सबको एक साथ जुड़ कर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफ़रत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े।
2500 के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद मामले में मरने वाले लोगों की संख्या चार की आधिकारिक पुष्टि हुई। ये मामला उग्र होता जा रहा है। मामले में 2500 के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि जामा मस्जिद में रविवार को सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में घायल एक और व्यक्ति की मौत हो गई जिससे हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। मुरादाबाद परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक मुनिराज जी. ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि रविवार को हुई हिंसा में घायल होने के बाद मुरादाबाद में भर्ती कराये गये एक और व्यक्ति की मौत हो गई है।
क्या है संभल का मामला
उत्तर प्रदेश के संभल जिले स्थित एक शाही जामा मस्जिद है। इसे लेकर एक याचिका दायर की गई। जिसमें याचिकाकर्ता अधिवक्ता जैन का कहना है कि संबल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है।हमारी धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, यहां पर दशावतार में से कल्कि अवतार यहां से होना है। बाबर ने 1529 में मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता।
याचिकाकर्ता ने और क्या कहा
याचिकाकर्ता जैन ने मंगलवार को बताया था कि दीवानी न्यायाधीश सीनियर डिविजन की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये एडवोकेट कमीशन गठित करने के निर्देश दिये। अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए।