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भारत बन रहा है ग्लोबल ट्रेड का पावरहाउस अदाणी पोर्ट्स ने कार्गो हैंडलिंग में रचा नया इतिहास

 मई 2025 भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए ऐतिहासिक रहा है। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने 41.8 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) का कार्गो हैंडल करके न केवल अपने प्रदर्शन का नया शिखर छुआ, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय बंदरगाहों की क्षमताओं का डंका भी बजाया है। पिछले साल की तुलना में 17% की ग्रोथ दर्ज करना किसी आम बात का संकेत नहीं है, बल्कि यह देश की तेज़ी से बदलती इकोनॉमिक स्ट्रक्चर और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास की मज़बूत नींव का प्रमाण है।

अदाणी पोर्ट्स के शानदार प्रदर्शन में कंटेनर ट्रैफिक (+22% साल दर साल) और ड्राइ कार्गो (+17% साल दर साल) की भूमिका सबसे अहम रही। जहां वैश्विक पोर्ट्स कंपनियां मंदी और भूराजनीतिक अनिश्चितताओं से जूझ रही हैं, वहीं एपीएसईजेड ने न केवल स्थिरता दिखाई है, बल्कि तेज़ी से विस्तार किया है। वाईटीडी मई 2025 तक कुल 79.3 एमएमटी कार्गो हैंडल किया गया, जो साल-दर-साल 10% की ग्रोथ है। कंटेनर हैंडलिंग में 21% की ग्रोथ एपीएसईजेड की ऑपरेशनल दक्षता और तकनीकी अपग्रेड को दर्शाती है।

मई 2025 में अदाणी लॉजिस्टिक्स ने 0.06 मिलियन टीईयू रेल वॉल्यूम (+13% साल दर साल) और 2.01 एमएमटी जीपीडब्लयूआईएस वॉल्यूम (+4% साल दर साल) दर्ज किया। वाईटीडी आधार पर, रेल वॉल्यूम 0.12 मिलियन टीईयू (+15% साल दर साल) और जीपीडब्लयूआईएस वॉल्यूम 3.8 एमएमटी रहा। यह साफ संकेत है कि कंपनी मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर जिस रणनीतिक फोकस के साथ आगे बढ़ रही है, उसका असर ज़मीन पर दिखने लगा है।

जहां देश के अन्य प्रमुख पोर्ट्स – जैसे जेएनपीटी और पारादीप पोर्ट – ने मई में लगभग 7% और 9% की ग्रोथ दर्ज की, वहीं एपीएसईजेड ने 17% की छलांग लगाकर प्रतिस्पर्धा से कहीं आगे निकलने का संकेत दिए है।
अदाणी पोर्ट्स न सिर्फ भारत का सबसे बड़ा निजी पोर्ट ऑपरेटर है, बल्कि यह देश की ग्लोबल ट्रेड रणनीति का स्तंभ बनता जा रहा है। सरकार के राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स पॉलिसी (एनएलपी) और प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के तहत एपीएसईजेड की भूमिका और अधिक सशक्त होगी। मल्टीमॉडल हब्स, स्मार्ट पोर्ट्स, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए कंपनी लॉजिस्टिक्स के भविष्य को दर्शाती है।

मई 2025 का डेटा सिर्फ एक रिपोर्ट नहीं है – यह उस परिवर्तन की तस्वीर है जो भारत के लॉजिस्टिक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में चल रहा है। अदाणी पोर्ट्स ने यह दिखा दिया है कि यदि रणनीति, निवेश और इनोवेशन एक साथ काम करें तो भारत न केवल आत्मनिर्भर बन सकता है, बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन में नेतृत्व की भूमिका में रह सकता है।