आईवीआरआई ने “जय गोपाल वर्मी कल्चरल ” तकनीक कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर को हस्तांतरित की
बरेली,29जनवरी।भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), इज्जतनगर ने “जय गोपाल वर्मीकल्चर” तकनीक कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर को हस्तांतरित की। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक एवं कुलपति तथा कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के निदेशक (प्रसार शिक्षा) ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
अपने सम्बोधन में संस्थान के निदेशक डॉ त्रिवेणी दत ने कहा कि संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रणवीर सिंह ने जो स्वदेशी केंचुआ की प्रजाति विकसित की है, वह कम खर्चीली है तथा पर्यावरण के अनुकूल भूमि कि उर्वरा शक्ति बड़ाने में मदद करती है। यह भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों में सबसे ज्यादा बिकने वाली तकनीक है जो अभी तक 14 राज्यों को हस्तांतरित की जा चुकी है। डॉ दत ने कहा कि “जैव गोपाल वर्मीकल्चर” तकनीक भारतीय कृषि और पशुपालन के लिए एक आदर्श समाधान है, जो पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में भी सहायक है।
इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ प्रदीप पगारिया ने संस्थान के निदेशक का इस तकनीक को हस्तांतरित करने के लिए धन्यवाद दिया । उन्होने कहा कि जय गोपाल तकनीक के प्रयोग से राजस्थान के कृषि क्षेत्र को बड़ावा मिलेगा, साथ ही पैदावार में भी वृद्धि होगी। उन्होने कहा कि यह तकनीकी हस्तांतरण एक शुरुआत है तथा आईवीआरआई द्वारा किसानों तथा पशुपालकों के लिए विकसित अन्य तकनीकों का भी भविष्य में हस्तांतरण किया जाएगा।
कार्यक्रम में संस्थान की संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा), डॉ रूपसी तिवारी भी मौजूद रहीं तथा उन्होंने जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय से आये हुए अधिकारियों से बातचीत की, साथ ही आईवीआरआई द्वारा विकसित तकनीकों के बारे में जानकारी साझा की।
कार्यक्रम का संचालन संस्थान के आईटीएमयू प्रभारी डॉ बबलू कुमार ने किया इस अवसर पर उन्होने सभी उपस्थित सदस्यों का स्वागत किया तथा जय गोपाल वर्मीकल्चर तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन आईटीएमयू के सह अन्वेषक डॉ एम के सिंह द्वारा दिया गया । इस अवसर पर संस्थान के डॉ पुष्पेंद्र सिंह, डॉ रणवीर सिंह, डॉ सागर चंद तथा कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के डॉ एम एस चांदवात एवं डॉ बी एल मीना उपस्थित रहे । बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट