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महाकुंभ भगदड़: न्यायिक आयोग ने शुरू की जांच, एक महीने में सौंपेगा रिपोर्ट

लखनऊ। प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने गुरुवार से अपना काम शुरू कर दिया। इस हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 60 अन्य घायल हुए थे।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने अपने गठन के अगले ही दिन जांच प्रक्रिया प्रारंभ कर दी। आयोग के सदस्य लखनऊ स्थित जनपथ कार्यालय पहुंचे और जांच की रूपरेखा तय की।

आयोग के अध्यक्ष, सेवानिवृत्त न्यायाधीश हर्ष कुमार ने कहा, “जांच को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना है, इसलिए हमने तुरंत कार्यभार संभाल लिया। हमारे पास एक महीने का समय है, लेकिन हम जांच को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश करेंगे।”

उन्होंने यह भी बताया कि आयोग जल्द ही प्रयागराज का दौरा करेगा, हालांकि सदस्यों की यात्रा की तिथि अभी तय नहीं हुई है। जब उनसे पूछा गया कि क्या तीनों सदस्य अलग-अलग पहलुओं की जांच करेंगे या समन्वित रूप से काम करेंगे, तो उन्होंने कहा, “इस पर हम आपस में चर्चा करेंगे। अभी विस्तार से कुछ नहीं कहा जा सकता।”

सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार पहले ही प्रयागराज पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग के गठन का आदेश दिया था।

न्यायिक आयोग में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हर्ष कुमार के साथ सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डी. के. सिंह और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वी. के. गुप्ता शामिल हैं। आयोग को अपने गठन के एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, आयोग भगदड़ के कारणों और परिस्थितियों की विस्तृत जांच करेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुझाव भी देगा।