रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय कार्य परिषद की बैठक सम्पन्न
बरेली,01अक्टूबर। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के कुलपति कार्यालय स्थित समिति कक्ष में कल विश्वविद्यालय कार्य परिषद की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह द्वारा की गई साथ ही इस बैठक में उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा नामित दो सदस्य प्रोफेसर रामगोपाल एवं प्रोफेसर रजनी रंजन सिंह उपस्थित हुए।
उक्त बैठक में विश्वविद्यालय में संपन्न हुई पूर्व के कार्य परिषद की बैठक दिनांक 15 दिसंबर 2023 की संपुष्टि की गई एवं उसमें की गई कार्रवाई से सदन को अवगत कराया गया।
कार्य परिषद की इस बैठक में विश्वविद्यालय में कार्यरत 13 शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की प्रोन्नति की संस्तुति की गई, जिन्हें कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक तथा वरिष्ठ सहायक से प्रधान सहायक पद पर प्रोन्नत किया गया है।
पूर्व में आयोजित विद्या परिषद की बैठक एवं कार्य परिषद की बैठक में विश्वविद्यालय के बाहर के अन्य संस्थाओं से भारतीय छात्रों विदेशी छात्रों के लिए अनुमोदित पाठ्यक्रमों को क्रियान्वित किए जाने के उद्देश्य से छात्र, शिक्षक एवं विश्वविद्यालय के हित में अनेक दिशा निर्देश एवं निर्णय किए गए हैं जिसकी संस्तुति की गई। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के शिक्षक विदेशी छात्रों को शिक्षा दे सकेंगे एवं इससे प्राप्त धन का एक बड़ा हिस्सा स्वयं शिक्षण को प्राप्त होगा एवं विश्वविद्यालय इसका एक छोटा हिस्सा अपने पास रखेगा।
कार्य परिषद को इस बात से भी अवगत कराया गया की आगामी 14 अक्टूबर को प्रस्तावित दीक्षांत समारोह में 187 शोधार्थियों को शोध उपाधि विश्वविद्यालय प्रदान करेगा।
विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय के बाहर के देश विदेश की अन्य संस्थाओं के छात्रों को उनके द्वारा प्रवेशित पाठ्यक्रम के साथ-साथ अपने विश्वविद्यालय में एक अथवा एक से अधिक पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन प्रवेश दिए जाने हेतु विस्तृत नीति का अनुमोदन किया गया।
विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किए जाने वाले ऑनलाइन ऑफलाइन पाठ्यक्रम हेतु क्रेडिट ट्रांसफर पॉलिसी का भी इस कार्य परिषद की बैठक में अनुमोदन किया गया जिसके साथ ही अब देश-विदेश जाकर अन्य संस्थाओं में पढ़ने वाले विश्वविद्यालय के छात्रों के क्रेडिट उनके संस्थानों में ट्रांसफर किए जा सकेंगे तथा साथ ही विदेशी अथवा देश के अन्य संस्थाओं से विश्वविद्यालय में ज्ञान अर्जन करने वाले छात्रों एवं शोधार्थियों के क्रेडिट ट्रांसफर उनके संस्थानों में किया जा सकेंगे।
शोध में नकल की जांच हेतु कुलपति महोदय के दिशा निर्देशानुसार निदेशक शोध निदेशालय द्वारा तैयार की गई नियमावली का अनुमोदन किया गया जिसके अनुसार केवल 10% तक ही नकल किसी भी शोध प्रबंध में अनुमन्य होगी किंतु यदि 60% से अधिक नकल पाई जाती है तो शोधार्थी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।
शोध अध्यादेश 2020 में दिए गए प्रावधान के अनुसार शोध प्रबंध जमा करने हेतु निर्मित नियमावली का अनुमोदन किया गया। शोध छात्रों के जेआरएफ से एस आर एफ में उच्च कृत किए जाने संबंधी नियमावली का अनुमोदन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय वर्कशॉप कॉन्फ्रेंस सेमिनार इत्यादि में भाग लेने हेतु जाने वाले विश्वविद्यालय के शिक्षकों हेतु अनुदान प्राप्ति एवं प्रगति आख्या हेतु नियमावली का अनुमोदन किया गया जिसके अनुसार विदेश जाने हेतु शिक्षकों को शिक्षक कल्याण कोच से पूर्व में प्रदान किए जाने वाले ₹25000 की सीमा को बढ़ाकर 50000 किया गया।
बैठक के अंत में कार्य परिषद की राज्यपाल नामित सदस्य प्रोफेसर रजनी रंजन सिंह द्वारा डायरेक्टरेट आफ ओपन लर्निंग विश्वविद्यालय में स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया गया जिस पर समस्त सदन ने अपनी सहमति प्रदान की एवं यह तय किया गया की अगले कार्य परिषद की बैठक में एक विस्तृत प्रस्ताव इस संबंध में बनाकर कार्य परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय नैक रैंकिंग में ए प्लस प्लस रैंकिंग से सुसज्जित है इसलिए विश्वविद्यालय अब ओपन लर्निंग की दिशा में अपने कदम बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट