Success Story: दिन में पढ़ाई और रात में की नौकरी, झोपड़ी में रहने वाला ये शख्स आज है IIM का प्रोफेसर, पढ़ें सक्सेस स्टोरी

New Delhi: कहते हैं कि मेहनत करने वालों एक दिन सफलता जरुर मिलती है। चाहे लाख मुश्किलें आएं लेकिन उनके रास्ते में रोड़ा नहीं बन पाती है। आज हम आपको ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने झुग्गी झोपड़ी में रहकर और गरीबी में बचपन गुजारा लेकिन हार नहीं मानी और सफलता पाई।

फेसबुक पर आईआईएम के एक प्रोफेसर ने अपने घर की तस्वीर शेयर की है. तस्‍वीर में एक छोटी झुग्गी दिख रही हैै, जिसमें बारिश के पानी से बचने के लिए तिरपाल लगी हुई है.

यह इस प्रोफेसर का वह घर है, जहां उनका जन्म हुआ था. यही नहीं, संघर्षों के ऐसे कठिन दौर भी आए जब रात में चौकीदारी करनी पड़ी. केरल में जन्मे 28 साल के रंजीत रामचंद्रन (Ranjit Ramchandran) का सेलेक्शन आईआईएम (IIM) रांची में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर हुआ है.

रंजीत रामचंद्रन ने इस मौके पर फेसबुक पर अपने घर की एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें लिखा है – IIM के प्रोफेसर का जन्म इसी घर में हुआ था. प्लास्टिक और ईंट से बना ये छोटा सा घर किसी झुग्गी की तरह दिखता है, जो बारिश के पानी को रोकने के लिए तिरपाल से ढका हुआ है.

9 अप्रैल को यह पोस्ट वायरल हुई है. इस पोस्ट में उन्होंने अपने संघर्ष की कहानी बयां की है. इस पोस्ट को 37,000 से अधिक लाइक मिले हैं. केरल के फाइनेंस मिनिस्टर टीएम थामस इसाक (T M Thomas Isaac) ने फेसबुक पर रामचंद्रन को बधाई दी है.

दिन के समय कॉलेज में पढ़ाई की और रात में टेलीफोन एक्सचेंज
रामचंद्रन कासरगोड के पनाथुर में एक BSNL टेलीफोन एक्सचेंज में नाइट गार्ड का काम कर रहे थे, जबकि उन्होंने जिले के पियस एक्स कॉलेज (Pious Xth College) से अपनी अर्थशास्त्र की डिग्री हासिल की.

उन्होंने बताया कि मैंने दिन के समय कॉलेज में पढ़ाई की और रात में टेलीफोन एक्सचेंज में काम किया. उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि स्नातक के बाद वो IIT मद्रास में आए जहां पढ़ाई करना उनके लिए मुश्किल हो रहा था, क्योंकि वो सिर्फ मलयालम जानते थे.

उन्होंने कहा कि मैंने PhD को बीच में छोड़ने का फैसला किया, लेकिन उनके गाइड ने ऐसा करने से मना किया और फिर मैंने अपने सपनों को पूरा करने का फैसला किया.

पिछले साल अपनी PhD पूरी की, फिर क्रिस्ट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनें
पिछले साल अपनी PhD पूरी कर की. इसके बाद पिछले 2 महीनों से बेंगलुरु के क्रिस्ट यूनिवर्सिटी (Christ University) में असिस्टेंट प्रोफेसर थे. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह पोस्ट इतना अधिक वायरल होगी.

मुझे उम्मीद है कि इससे अन्य लोगों को प्रेरणा मिलेगी. मैं चाहता हूं कि हर कोई अच्छे सपने देखे और उन सपनों को पूरा करे. मैं चाहता हूं कि अन्य लोग भी इससे प्रेरित हों और सफलता पाएं.

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