महाकुंभ में विज्ञान और अध्यात्म का अद्भुत संगम, यूपी पुलिस के पॉडकास्ट में सुधा मूर्ति ने की CM योगी की सराहना
यूपी पुलिस के पॉडकास्ट “बियांड द बैज” के तीसरे एपिसोड में इंफोसिस फाउंडेशन की संस्थापक सुधा मूर्ति ने महाकुंभ के आयोजन पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने डीएसपी कुंभ मेला तनु उपाध्याय के साथ वार्ता में महाकुंभ के व्यवस्थापन और सुविधाओं के बारे में विचार व्यक्त किए। लगभग 25 मिनट के इस साक्षात्कार में सुधा मूर्ति ने एआइ और महाकुंभ में किए गए विभिन्न प्रयासों पर अपने विचार साझा किए।
महाकुंभ में डिजिटल इंडिया का सफल प्रयोग
सुधा मूर्ति ने कहा कि महाकुंभ में सरकार के प्रयासों से डिजिटल इंडिया का सफल प्रयोग होता हुआ दिखाई दे रहा है। देशभर से आए लोग इस आयोजन को देखकर उसकी आधुनिकता का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एआइ का इस्तेमाल लोगों के जुटान का अनुमान लगाने में किया गया है, जो एक अनोखा प्रयास है। यह पहली बार है जब तकनीक और आस्था का मेल कुंभ मेला में देखने को मिल रहा है।
सुरक्षा और व्यवस्था में तकनीक का योगदान
सुधा मूर्ति ने कुंभ मेले में सुरक्षा व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि बचपन में जब कुंभ में लोग खो जाते थे, अब खोया पाया विभाग और तकनीक के सहयोग से सुरक्षा और सुविधा बेहद सरल हो गई है। एल्गोरिदम और तकनीक का उपयोग सुरक्षा की दृष्टि से एक अनोखा प्रयास है। उन्होंने पुलिस के मानवीय संवेदना से भरे व्यवहार की भी तारीफ की, जो जमीन पर नजर आ रहा है।
महिलाओं की सुरक्षा और कुंभ की व्यवस्था
सुधा ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर की गई व्यवस्थाओं की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन कुंभ मेले में लंगर की व्यवस्था, साफ-सफाई, और नियमों के पालन की सूचना देखकर यह सब साकार होता हुआ नजर आता है। रात में महिलाओं की सुरक्षा देखना भी बहुत सुखद अनुभव था।
सीएम योगी की नेतृत्व क्षमता की सराहना
सुधा मूर्ति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों और उनके दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि कुंभ आयोजन में उनके नेतृत्व का स्पष्ट प्रभाव देखने को मिलता है। उन्होंने कहा, “सीएम का प्रयास और उनका विजन महाकुंभ में साफ दिखता है। वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा इस कुंभ में जीवित है।”
महाकुंभ में विज्ञान और अध्यात्म का अद्भुत संगम
सुधा मूर्ति ने महाकुंभ में विज्ञान और अध्यात्म के संगम की भी चर्चा की। उन्होंने एक दिलचस्प उदाहरण दिया, जब एक महिला की कुंभ में डिलीवरी हुई और नवजात बच्ची का नाम “गंगा” रखा गया। उन्होंने यह भी बताया कि कुंभ में बच्चों के स्कूल की व्यवस्था भी की गई थी, ताकि उनका पढ़ाई का समय प्रभावित न हो।
उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को बड़े सपने देखने चाहिए और उनका पीछा करते हुए यात्रा का आनंद लेना चाहिए, क्योंकि श्रद्धा से परमगति की ओर बढ़ना बहुत आसान हो जाता है।
महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह विज्ञान और तकनीक का शानदार उदाहरण भी बन चुका है, जो सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।