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एनआईए की चार्जशीट में दावा- दाऊद ने व्यापारियों, नेताओं को निशाना बनाने के लिए यूनिट बनाई

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मुंबई की एक विशेष अदालत के सामने ेदायर अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के नेतृत्व वाली डी-कंपनी ने राजनेताओं और व्यापारियों को निशाना बनाने के लिए एक विशेष इकाई बनाई है और प्रमुख हस्तियों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले घातक हथियार उपलब्ध कराए हैं। जांच एजेंसी ने उल्लेख किया है कि डी-कंपनी ने नेताओं और व्यापारियों सहित प्रतिष्ठित व्यक्तियों पर हमला करके लोगों में आतंक फैलाने के लिए इकाई बनाई है। हमें पता चला है कि गिरफ्तार किए गए और वांछित आरोपी आतंकवादी गिरोह के रूप में काम करने वाले एक संगठित अपराध सिंडिकेट के ‘सक्रिय सदस्य’ थे।

सूत्रों के मुताबिक पूरे भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के सिलसिले में शनिवार को दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और तीन अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। तीन गिरफ्तार व दो वांछित आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। यह मामला आरिफ अबुबकर शेख उर्फ आरिफ भाईजान, शब्बीर अबुबकर शेख उर्फ शब्बीर, मोहम्मद सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूट और दाऊद इब्राहिम कास्कर उर्फ शेख दाऊद हसन और शकील शेख उर्फ छोटा शकील के खिलाफ यूए (पी) अधिनियम की धारा 17, 18, 20 और 21, महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम की धारा 3(1) (2), 3(2), 3(4) और 3(5), आईपीसी की धारा 387, 201 और 120बी लगाई गई है।

पाकिस्तान से दुबई होते हुए मुंबई के लिए हवाला चैनल के जरिए आरिफ और शब्बीर को कुल 25 लाख रुपये नकद भेजे गए। यह कुछ और नहीं बल्कि आतंकवाद की कमाई थी। चार्जशीट में एनआईए का जिक्र करते हुए कहा गया, “जांच में पाया गया है कि आरोपी व्यक्ति जो डी-कंपनी, एक आतंकवादी गिरोह और एक संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्य हैं, उन्होंने विभिन्न प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देकर गिरोह की आपराधिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की साजिश रची थी। इस साजिश को आगे बढ़ाने के लिए, उन्होंने डी-कंपनी के लिए और तत्काल मामले में एक व्यक्तिगत आतंकवादी के लाभ के लिए, धमकी देकर और लोगों को मौत या गंभीर चोट के डर से भारी मात्रा में धन जुटाया और भारत की सुरक्षा को खतरे में डालने और आम जनता के मन में आतंक पैदा करने के इरादे से धन एकत्र किया और उगाही की।”

एनआईए को पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी व्यक्तियों को हवाला चैनलों के माध्यम से विदेशों में स्थित फरार आरोपियों से भारी मात्रा में धन प्राप्त हुआ, जिसका उद्देश्य लोगों के मन में आतंक पैदा करने के लिए मुंबई और भारत के अन्य हिस्सों में सनसनीखेज आतंकवादी/आपराधिक कृत्यों को ट्रिगर करना था।

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