ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना हुआ महंगा, अब इतने रुपये का लग रहा एक्स्ट्रा चार्ज
अगर आप भी ऑनलाइन खाना मंगवाते हैं, तो अब आपको अधिक पैसे चुकाने होंगे. फूडटेक की दिग्गज कंपनी स्विगी ने बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों में दिए जाने वाले फूड ऑर्डर पर दो रुपये का प्लेटफॉर्म शुल्क लेना शुरू कर दिया है. यह शुल्क केवल खाने के ऑर्डर पर लगाया जा रहा है. स्विगी के क्विक कॉमर्स वर्टिकल, इंस्टामार्ट पर किए गए ऑर्डर ये चार्ज नहीं लग रहा है. इसके अलावा ये प्लेटफॉर्म शुल्क स्विगी वन यूजर्स पर भी लगाया जा रहा है, जो पेड मेंबरशिप के तहत आते हैं.
स्विगी के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि प्लेटफॉर्म शुल्क फूड के ऑर्डर पर मामूली फ्लैट चार्ज है. यह शुल्क हमें अपने प्लेटफॉर्म को ऑपरेट करने और बेहतर बनाने में मदद करता है और एक सहज ऐप अनुभव प्रदान करने के लिए ऐप की सुविधाओं को बढ़ाता है. स्विगी अपने मुनाफे के लक्ष्य तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है. कहा जा रहा है कि कंपनी जल्द ही शेयर मार्केट में एंट्री करने वाली है. इसकी वजह से वो इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दे रही है.
कंपनी ने जनवरी में अपने मीट मार्केटप्लेस वर्टिकल को बंद कर दिया था. इसके बाद रिस्ट्रक्चरिंग प्रोसस के तहत उसने 380 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. सॉफ्टबैंक समर्थित फूड डिलीवरी कंपनी ने इस साल मार्च में अपने क्लाउड किचन व्यवसाय को बेच दिया था. क्लाउड किचन ऑपरेटर ने शेयर स्वैप डील के जरिए स्विगी के एक्सेस किचन बिजनेस का अधिग्रहण किया, जिसमें स्विगी में एक स्टेकहोल्डर बन गया था.
स्विगी ने पिछले साल अमेरिका के निवेश फर्म इंवेस्को से लगभग 700 मिलियन डॉलर जुटाए जाने के बाद ‘डेकोर्न’ का दर्जा हासिल किया था. हालांकि, एक हालिया फाइलिंग से पता चलता है कि इंवेस्को ने स्विगी के वैल्यूएशन को 10.7 बिलियन डॉलर से घटाकर 8 बिलियन डॉलर कर दिया है. डेकाकॉर्न निजी स्वामित्व वाली कंपनियां हैं जिनका मूल्यांकन 10 अरब डॉलर से अधिक है. हालांकि, अभी मुंबई और दिल्ली के यूजर्स को दो रुपये का प्लेटफॉर्म चार्ज नहीं देना होगा.
स्विगी को रोजाना 15 लाख से अधिक ऑनलाइन ऑर्डर मिलते हैं. ऐसे में अगर प्रत्येक ऑर्डर पर दो रुपये के प्लेटफॉर्म शुल्क के हिसाब से देखें, तो रोजाना की कमाई 30 लाख रुपये बैठती है. इस तरह कंपनी हर महीने 9 करोड़ रुपये कमाएगी.