पिता बीमार हैं, 11 साल से अपने दम पर खेती कर रही हैं 29 साल की लेडी किसान, MA तक पढ़ी हैं
भारत में किसान आंदोलन चल रहा है.हर गली नुक्कड़ में किसानो की चर्चा हो रही है.किसान आंदोलन से मीडिया चेनल अपनी पल पल रिपोर्ट दिखा रहे है.किसान आंदोलन को पूरे भारत ही नहीं वरन् विश्व में हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है.इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है कि भारत एक कृषि आधारित देश है ऐसे में अगर देश के किसान आंदोलन कर रहे है तो कोई बड़ी बात है.किसान अपनी मेहनत और लगन से पूरा साल खेत में काम करता है और फसल उगता है.
सामान्यत खेती के काम में पुरुष की कार्य करते है.लेकिन आज आपको एक ऐसे किसान बेटी की बारे में बताते है जिसने अपने पिता की बीमार होने पर कृषि की और पूरे घर की जिमेदरियो को संभाला था.उसकी मेहनत और लगन दूसरे के लिए एक मिशाल कायम कर रही है.यह किसान बेटी हरियाणा के अंबाला के अधोई कस्बा की रहने वाली है.हम बात कर रहे है अमरजीत कौर की जिनकी उम्र 29 साल है.अमरजीत कौर ने 18 साल की उम्र में खेती का कार्य करना प्रारंभ कर दिया था.बताया जा रहा है कि अमरजीत कौर के पिता एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए थे.जिससे उनके परिवार के सामने वितिय संकट उत्पन्न हो गया था.
ऐसे में अमरजीत कौर ने अपने परिवार की जिमेदारी उठाई और कृषि करने लग गई.अमरजीत ने खेती के साथ साथ अपने भाई को पढ़ाई करवा कर सरकारी नोकरी दिलवा दी थी.अमरजीत कौर ने इन सब के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखी और पंजाबी भाषा में मास्टर की डिग्री ली.अमरजीत कौर को अमेरिका से मिलने एक समूह आया और उनके काम का प्रोत्साहन किया था.अमरजीत कौर को उनके आस पास के किसान उन्हे लेडी किसान कहते है.अमरजीत कौर कृषि के साथ सुबह जल्दी उठकर अपने मवेशियों को चारा डालती है.अपनी फसल को काटकर खुद टेक्ट्रर चला कर उसे पास की मंडी में बेच कर आ जाती है.अमरजीत कौर से उनके आस पास के किसान सलाह लेने आते है कि कोनसा फसल बोई जाई.
अमरजीत कौर अपने खेत में नए तरह के उर्वरक उपयोग करती है.अमरजीत कौर को खेती का काम करते हुए तकरीबन 11 साल हो चुका है.आज उनके घर में सब वस्तुएं है.ओर पूरा घर उन्हे बहुत चाहता है.अमरजीत कौर की मेहनत हर किसी के लिए एक मिशाल है.मात्र 18 साल की उम्र में जिमेदारिया आने पर भी अमरजीत कौर ने बखूबी निभाया है.