अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए व्यापक तैयारी, सड़कों पर बनाए जाएंगे विशाल भव्य द्वार

अयोध्या: अयोध्या में बने राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर चल रही है. इसी बीच अयोध्या नगरी को और सुंदर बनाने के लिए 6 स्वागत गेट बनाए जाने का ऐलान किया गया है. श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए अयोध्या में छह भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे. फेस 2 के प्रोजेक्ट के तहत इस पर काम शुरू कर दिया गया है.

लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर श्री राम द्वार नाम से एक भव्य गेट का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा गोरखपुर से अयोध्या मार्ग पर हनुमान द्वार नाम से गेट बनाया जाएगा. वहीं गोण्डा से अयोध्या मार्ग पर लक्ष्मण द्वार, प्रयागराज से अयोध्या मार्ग पर भारत द्वार, अम्बेडकर नगर से अयोध्या मार्ग पर जटायु द्वार, रायबरेली से अयोध्या मार्ग पर गरुड़ द्वार का निर्माण किया जाएगा.

बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए व्यापक तैयारी की जा रही है. मंदिर ट्रस्ट ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के पखावज से लेकर तमिलनाडु के मृदंग तक, अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मनाने के लिए देश भर के अलग-अलग शास्त्रीय वाद्ययंत्र बजाए जाएंगे.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी को भव्य समारोह के दौरान प्रदर्शन करने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों से संगीतकारों का चयन किया गया है. ‘अधूरे मंदिर’ में समारोह आयोजित करने पर कई लोगों द्वारा उठाए गए सवालों के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा, ‘मैं किसी भी आलोचना का जवाब नहीं दूंगा.’ उन्होंने कहा कि मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी और दोपहर 1 बजे तक पूरा होने की उम्मीद है.

राय ने कहा, यह समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की गरिमामय उपस्थिति में होगा. उन्होंने बताया कि करीब 8,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि चयनित संगीतकार अपने-अपने क्षेत्रों से भारतीय परंपरा के विभिन्न प्रकार के “वाद्य यंत्र” (संगीत वाद्ययंत्र) बजाएंगे.

इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के बांसुरी और ढोलक कलाकार शामिल होंगे, कर्नाटक से वीणा, महाराष्ट्र से सुंदरी, पंजाब से अलघोज़ा, ओडिशा से मर्दाला, मध्य प्रदेश से संतूर, मणिपुर से पुंग, असम से नागदा और काली, छत्तीसगढ़ से तंबूरा, बिहार से पखावज, दिल्ली से शेहानी, और राजस्थान से रावणहत्था शामिल हैं.

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