आईवीआरआई ने पहली बार शुरू किया बी.टेक बायोटेक्नोलॉजी कोर्स

बरेली , 09 जनवरी। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), इज्जतनगर ,बरेली में कल पहली बार बी.टेक-बायोटेक पाठ्यक्रम का शुभारम्भ हुआ तथा नवागत छात्र-छात्राओं के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिनमें देश के विभिन्न प्रांतों केरल, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली तथा मध्य प्रदेश के 10 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डा. त्रिवेणी दत्त ने नवागत छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि आपको इस ऐतिहासिक संस्थान में प्रवेश प्राप्त करने हेतु स्वयं पर गर्व होना चाहिए क्योंकि यह संस्थान पशुचिकित्सा के क्षेत्र में एशिया का अग्रणी संस्थान है। डा. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के अनुसार हमें बहुविषयक शिक्षा की ओर बढ़ना होगा। सम-विश्वविद्यालय द्वारा 200 से अधिक छात्रों को, वोकेशनल, तथा सर्टिफिकेट कोर्स में प्रशिक्षित किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान कोे भविष्य में स्वपोषित मोड पर कार्य करना होगा तथा इसके लिए विश्वस्तरीय संसाधन को जुटाना होगा। डा. त्रिवेणी दत्त ने भविष्य में और भी अधोस्नातक पाठ्यक्रम चलाने की बात कही। उन्होंने भविष्य में अन्य विश्वविद्यालयों के साथ इस संस्थान को जोड़ने पर भी बल दिया।
संयुक्त निदेशक, शैक्षणिक डा. एस.के. मेंदीरत्ता ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि दवा निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण में जैव प्रौद्योगिकी की अपार संभावनायें हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप इस कोर्स के सभी पाठ्क्रमों में रूचि लें तथा कठिन परिश्रम करें। डा. मेंदीरत्ता ने बताया कि छात्रों को अंतिम वर्ष में दवा तथा टीका निर्माण कम्पनी में प्रशिक्षण हेतु संलग्न किये जायेंगे जिससे उनके भविष्य निर्माण में सहायता मिलेगी।
इससे पूर्व कार्यक्रम में नवागत छात्र छात्राओं का स्वागत करते हुए संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा डा. रूपसी तिवारी ने बताया कि अध्ययन्न के साथ अन्य गतिविधियों में भी अपना सहयोग दें। अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करें और संस्थान की प्रगति में अपना सहयोग दें। डा. तिवारी ने आगे बताया कि छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ संस्थान में चल रही अन्य गतिविधियों में भाग लेना की जरूरत है। इसके लिए संस्थान में 9 क्लब बनाये गये हैं जैसे कि खेलकूद, योगा, संगीत, इनडोर एवं आउटडोर स्पोर्टस, साहित्यक क्लब, नेचर क्लब, फोटोग्राफी/ विडियोग्राफी आदि शामिल हैं।
परीक्षा नियंत्रक डा. ज्ञानेन्द्र सिंह ने छात्र-छात्राओं को सम-विश्वविद्यालय के नियम और परीक्षा नियमावली तथा दिशा-निर्देश के बारे में बताया। इस अवसर पर सम विश्वविद्यालय के मुख्य वार्डन डा. प्रवीण सिंह ने छात्रों को छात्रावास के नियमों के बारे में जानकारी दी।
कोर्स समन्वयक एवं प्रधान वैज्ञानिक जैव प्रौद्योगिकी विभाग डा. पी.के. गुप्ता ने बताया कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग की स्थापना सन् 1986 में की गयी यह विभाग अब तक पशु चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी एमवीएससी तथा पीएच-डी की उपाधियाँ प्रदान करता रहा है। पहली बार यह अधोस्नातक के लिए भी पशु चिकित्सा जैव प्रौद्योगिकी में बी.टेक डिग्री कार्यक्रम नई शिक्षा नीति के अनुसार शुरू किया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन पशुजन स्वास्थ्य विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. हिमानी धांजे द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद ज्ञापन पशुपोषण विभाग के प्रधान वैज्ञानिक एवं छात्र कल्याण अधिकारी (छात्र) डा. एस.के. साहा द्वारा दिया गया। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक, कैडराड डा. के.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक, शोध डा. एस.के. सिंह, श्री.पी.के. जैन, रजिस्ट्रार, डा. अजय कुमार पाठ्यक्रम सह समन्वयक सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्षों, वैज्ञानिक, छात्र उपस्थित रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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