आईवीआरआई में दो दिवसीय हिन्दी कार्यशाला का समापन
बरेली ,20 फरवरी। पशुचिकित्सा विज्ञान के दक्षिण भारतीय एवं अहिन्दी भाषी छात्रों को हिन्दी भाषा में कौशल विकास के लिए भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में दो दिवसीय हिन्दी कार्यशाला का समापन समारोह हुआ। इसमें परास्नातक एवं पीचडी के लगभग 45 छात्र/छात्राओं ने प्रतिभागिता की। संस्थान के संयुक्त निदेशक डा. एस.के.मेंदीरत्ता, सयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) ने कहा कि इस कार्यशाला से भारत के विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों में हिन्दी के बढ़ते प्रयोग को ध्यान में रखकर छात्रों के कौशल विकास के लिए यह कार्यशाला करवाई जा रही है। हिन्दी उपाध्यक्ष एवं कार्यशाला निदेशक, विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राघवेन्द्र सिंह ने छात्रों के व्यक्तित्व विकास में भाषा की उपयोगिता एवं बढ़ते वैश्विक क्षेत्र में व्यवसायिक व व्यवहारिक विज्ञान के महत्व को अंकित करते हुए छात्रों को प्रोत्साहित किया। विभिन्न सत्रों में पशु स्वास्थ्य में प्रयुक्त आम तकनीकी शब्द एवं मानव स्वास्थ्य समबन्धी प्रचलित शब्द पर डा. रमेश सोमवंशी, दैनिक जीवन में हिन्दी का महत्व, हिन्दी सीखने के लिए छात्रों की समस्याऐं और उनका समाधान श्री अजीत कुमार, थिसिस हिन्दी लघु साराशं कैसे लिखें डा. ए.एम.पावड़े, दैनिक कार्यौ में प्रयुक्त शब्दों एवं वाक्यों पर विचार विमर्श एवं बहुआयामी पशु चिकित्सा एवं प्रबधंन शब्दावली डा. मोहिनी सैनी, हिन्दी में वार्तालाप कैसे करें डा. गीता चौहान एवं डा. अजूकाला, डा. हरि ओम पाण्डेय ने राजभाषा प्रश्नोत्तरी के आयोजन में सहयोग किया। समापन सत्र में प्रतिभागी छात्रों के अतिरिक्त वैज्ञानिक, अधिकारी के अतिरिक्त पुस्तकालय के समबंधित कर्मचारी उपस्थित रहे। समारोह का समापन राजभाषा अनुभाग के प्रभारी डा. के.एन.काण्डपाल ने कार्यशाला के दौरान विभिन्न विषयों पर दिये गये व्याख्यानों के लिए सभी विशेषज्ञों को धन्यवाद ज्ञापित किया और छात्र/छात्राओं को प्रोतसाहित किया। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट