यूपी के बड़े से लेकर छोटे शहरों में योगी सरकार की ये है तैयारी, 34 लाख रोजगार के अवसर

लखनऊ: ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी बड़े से लेकर छोटे शहरों में रोजगार के द्वार खोलने जा रही है। इससे प्रदेश के 34 लाख युवाओं को रोजगार मिलने की राह खुलने जा रही है। जैसे-जैसे 14 हजार परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी वैसे-वैसे रोजगार मिलते जाएंगे। इसमें प्रशिक्षित व गैर प्रशिक्षित सभी तरह के युवाओं के लिए अवसर उपलब्ध होंगे। पूर्वांचल से पश्चिमांचल और मध्यांचल से बुंदेलखंड तक युवाओं के लिए रोजगार की कमी नहीं होगी।

खिलौना बनाने के क्षेत्र में 20 हजार को रोजगार
फन यू टॉयज गौतमबुद्धनगर में 1052 करोड़ का निवेश करेगी और सबसे अधिक 20 हजार युवाओं को रोजगार देगी। टोरेंट पावर लिमिटेड सोनभद्र में 22800 करोड़ के निवेश से 4800 युवाओं को रोजगार देगा। एम-3-एम इंडिया प्राइवेट गौतमबुद्धनगर में 7500 करोड़ का निवेश करेगी। जिससे 14 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। एयर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. गौतमबुद्धनगर में 4000 करोड़ का निवेश कर 5000 युवाओं को रोजगार देगा।

इन कंपनियों ने भी खोले रोजगार के द्वार
– एडवर्ब टेक्नॉलीज- गौतमबुद्धनगर में 500 करोड़ निवेश से रोजगार 2000 को नौकरी देगी
– ग्रीनको ग्रुप- सोनभद्र में 17181 करोड़ का निवेश करेगी, जिससे 300 युवाओं को रोजगार मिलेगा
– आईकेईए ग्रुप- गौतमबुद्धनगर में 4300 करोड़ के निवेश से रोजगार 500
-लोढ़ा ग्रुप- अयोध्या में 3000 करोड़ का निवेश रोजगार 100
-शराफ ग्रुप- मुरादाबाद में 1250 करोड़ का निवेश रोजगार 1250
-अशोक लीलैंड- लखनऊ में 1000 करोड़ का निवेश रोजगार 500
-जेएसडब्ल्यू एनर्जी- सोनभद्र में 8000 करोड़ का निवेश रोजगार 840
-टाटा टेक्नॉलाजी- लखनऊ में 4200 करोड़ का निवेश रोजगार 450
-वरुण वेबरेज- प्रयागराज, अमेठी, गोरखपुर और चित्रकूट में 3500 करोड़ का निवेश, 1500 रोजगार
– सेंचुरी ग्रुप- मुरादाबाद में 4000 करोड़ का निवेश रोजगार 800
– डालमिया सीमेंट-मिर्जापुर में 3000 करोड़ का निवेश रोजगार 2500

कितने करोड़ की कितनी परियोजनाएं
– 10 हजार करोड़ के निवेश में सबसे अधिक 52 प्रतिशत परियोजनाएं पश्चिमांचल, 29 प्रतिशत पूर्वांचल, 14 प्रतिशत मध्यांचल और पांच प्रतिशत बुंदेलखंड में धरातल पर उतरेंगी। इनमें से 10 हजार करोड़ से अधिक की 23 प्रतिशत परियोजनाएं हैं। 5000 से 10000 करोड़ की 12%, 1000 करोड़ से 5000 करोड़ की 20%, 500 करोड़ से 1000 करोड़ की 10%, 100 करोड़ से 500 करोड़ की 20%, 20 करोड़ से 100 करोड़ की 10%, 20 करोड़ से कम की पांच फीसदी परियोजनाएं हैं।

किस सेक्टर की कितनी परियोजनाएं
21 फीसदी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, 13 फीसदी रिन्यूवल एनर्जी सेक्टर, आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स सेक्टर की नौ प्रतिशत, पॉवर सेक्टर की आठ प्रतिशत, फूड प्रोसेसिंग और रियल स्टेट सेक्टर की छह प्रतिशत, एमएसएमई सेक्टर की पांच प्रतिशत और हॉस्पिटैलिटी एंड एंटरटेंमेंट, वेस्ट मैनेजमेंट और एजुकेशन सेक्टर की तीन-तीन प्रतिशत की भागीदारी है। हेल्थकेयर, वुड बेस्ड इंडस्ट्रीज, डिस्टलरी, डेयरी, कॉपरेटिव, हैंडलूम एंड टेक्सटाइल, फार्मा एंड मेडिकल डिवाइस और एनीमल हस्ब्रैंडी सेक्टर में भी कंपनियां आई हैं।

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