उत्तर प्रदेश

आईवीआरआई में “मांस प्रसंस्करण और मूल्य वर्धन पर उद्यमिता विकास कार्यक्रम ” का आयोजन


बरेली ,20 सितम्बर। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान एग्री इन्कुबेशन केन्द्र तथा पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी द्वारा संयुक्त रूप से पाँच दिवसीय ”मांस प्रसंस्करण और मूल्य वर्धन पर उद्यमिता विकास कार्यक्रम“ का आयोजन किया गया इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के पाँच राज्यों से 14 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. डा. एस.के. मेंदीरत्ता, संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक), भारतीय पशु चिकित्सा अनुसन्धान संस्थान ने मांस और पशु उप-उत्पाद का प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन के महत्व पर बल देते हुए कहा कि मांस उत्पादन से लाभ लेने के लिए हमें प्रसंस्कृत मूल्य वर्धित उत्पादों और उपउत्पादों को बढ़ावा देना होगा। साथ ही साथ अपने उत्पादों के लिए मार्केटिंग व पेकेजिंग पर विशेष ध्यान देना होगा । उन्होंने खाद्य सुरक्षा में पशुजनित प्रोटीन की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने इस क्षेत्र से जुड़े नवाचार के विभिन्न आयामों के बारे में भी बताया।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा डा. रूपसी तिवारी ने कहा कि मांस उत्पादन के क्षेत्र में उद्यमिता की अपार सभावंनायें हैं। डा. तिवारी ने आगे बताया कि सामूहिक स्तर पर मांस उत्पादन एवं प्रसंस्करण के लिए वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने की आवश्यकता है, जिससे हम छोटे स्तर पर भी उच्च गुणवत्ता वाले मांस उत्पादों का निर्माण एवं विपणन कर सकते हैं। उन्होंने एक सफल उद्यम स्थापित करने के लिए नवाचार एवं मार्केटिंग की महत्ता पर जोर दिया।
इस अवसर पर आईवीआरआई मुक्तेश्वर के प्रभारी डा. बी मण्डल ने मांस के लिए प्रयोग में आने वाले जानवरों को बीमारियों से बचाने की सलाह दी क्योंकि ये बीमारियां मांस के गुणवत्ता पर ऋणात्मक प्रभाव डालता हैै
पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. ए. आर. सेन ने पाठ्यक्रम अभिरूचि के लिए सहभागियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने स्वच्छ मांस उत्पादन एवं मांस उत्पादों के समुचित उपयोग के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर भाग लें एवं ज्यादा से ज्यादा सीखें। उन्हांने मांस उत्पादों के मार्केटिंग के लिए ई-मार्केटिंग को अपनाने पर भी जोर दिया।
इस अवसर पर एग्री इन्कुबेशन केन्द्र के प्रधान अन्वेषक डा. बबलू कुमार ने बताया कि भारत में बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण एवं आये के बढ़ते स्तर के कारण मांस उत्पादन सहित प्रोटीन युक्त पदार्थों की मांग बढ़ रही है जैसे जैसे लोगों में आहार सम्बन्धी सजगता एवं प्राथमिकतायें विकसित हो रहीं वैसे-वैसे मांस आधारित उत्पादनों की मांग भी बढ़ रही है। अतः इस क्षेत्र में कार्य करने वाले उद्यमियों के लिए अपार संभावनायें हैं।
कार्यक्रम का संचालन डा. बबलू कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डा. देवेन्द्र कुमार ने किया। इस अवसर पर डा. असीम विश्वास, डा. गीता चौहान डा. तनवीर, डा. सुमन तालुकदार, डा. सागर चन्द, पुनीत कुमार तथा सुरेश कुमार इत्यादि उपस्थित रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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