उत्तर प्रदेश

आई०पी०एम० प्रयोगशाला बिल्वा-बरेली मे एक दिवसीय मण्डलीय तकनीक प्रशिक्षण कार्यक्रम

बरेली,14 मार्च। आई०पी०एम० प्रयोगशाला बिल्वा, बरेली में आयोजित कृषकों एवं तकनीकी अधिकारियों/कर्मचारियों को आई०पी०एम० तथा कृषि रक्षा की नई तकनीक की जानकारी हेतु एक दिवसीय मण्डलीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बरेली मण्डल के चारों जनपदों के कृषि रक्षा अनुभाग के तकनीकी अधिकारियों/कृषि वैज्ञानिक /कर्मचारियों एवं कृषकों सहित लगभग 76 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

श्री श्याम नारायण दास, कृषि रक्षा अधिकारी, पीलीभीत द्वारा बताया गया कि स्वास्थय को ध्यान में रखते हुए आई०पी०एम० तकनीकी से फसलों की बुवाई एव कीट/रोगों का प्रबंधन कर गुणवत्तायुक्त उत्पादन करने की आवश्यकता है। कृषि विभाग द्वारा प्रदेश के 9 जोनों में आई०पी०एम० प्रयोगशाला स्थापित की गयी है। प्रशिक्षण का मुख्य उदेश्य कृषकों को जैविक खेती करने हेतु प्रेरित करना है।

श्री जितेन्द्र पाल गंगवार, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक, ग्रुप-ए० आई०पी०एम० प्रयोगशाला बिल्वा, बरेली वेरिया वैसियाना एवं ट्राईकोग्रामा कार्ड के प्रयोग के द्वारा बायेपेस्टीसाइड्स यथा ट्राईकोडर्मा हारजेनियम, व्यूवेरिया , आई०वी०आर०आई०, इज्जत नगर

बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। श्री डी०एस० अधिकारी, सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक, के०वी०के० बरेली द्वारा बताया गया कि फसलों में हानिकारक कीट से बचाव के लिए हमें खेतों की मेडों पर लहसुन व निमेटोड से बचाव के लिए गेदों के पौधों को खेत के चारो ओर रोपित करना चाहिए। साथ ही साथ इन्होने किसानों को घर पर आसानी से बनने वाले जैविक कीटनाशकों जैसे नीम की खली. जीवामृत एवं नीमअस्त्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

डा० रंजीत सिंह, कृषि वैज्ञानिक, के०वी०के०, आई०वी०आर०आई०, इज्जत नगर बरेली द्वारा बताया गया कि फलों एवं सब्जियों की फसलों में लगने वाले कीट/रोगों के निदान हेतु बायोपेस्टीसाइड्स / बायोएजेन्ट का प्रयोग करना अधिक लाभकारी सिद्ध हुआ है। साथ ही साथ इन्होने चूहो के प्रभावी नियंत्रण की जानकारी दी एवं रसायनिक कीटनाशको मे लाल रंग के प्रतीक चिन्ह वाले कीटनाशको की अपेक्षा पीले व नीले रंग वाले रासायनो का प्रयोग करने का सुझाव दिया।

श्री वेद प्रकाश, कृषि रक्षा पर्यवेक्षक बिलसण्डा, पीलीभीत ने कृषको को अपनी भूमि का नमूना लेकर मृदा परीक्षण कराने की सलाह दी एवं हरी खाद (सनई व दैचा) के महत्व के बारे में बताया। श्री विश्व नाथ, उप कृषि निदेशक (कृषि रक्षा), बरेली मण्डल, बरेली द्वारा बायोपेस्टीसाइड्स /

बायोएजेन्ट (ट्राईकोडर्मा हारजेनियम, ब्यूवेरिया वैसियान वैसियाना एवं ट्राईकोग्रामा कार्ड) पर विभाग द्वारा देय 75 प्रतिशत अनुदान एवं विभागीय अन्य योजनाओं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी देते हुए कीट/रोगों नियंत्रण हेतु सुझाव दिये गये, साथ ही भूमि परीक्षण कराना एवं आई०पी०एम० तकनीकी विधिया (गहरी जुताई, यांत्रिक नियंत्रण, फसल चक) अपनाने हेतु कृषकों को सलाह दी ,अंत मे सभी को धन्यवाद के प्रशिक्षण का समापन किया गया। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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