एक महिला वकील को जज बनाने की कॉलेजियम की सिफारिश का हो रहा भारी विरोध

नई दिल्ली: मद्रास उच्च न्यायालय विधिज्ञ संघ (बार) के एक तबके ने वकील लक्ष्मणा चंद्र विक्टोरिया गौरी को मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त करने की उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की सिफारिश का विरोध किया है और उनका नाम वापस लेने की मांग की है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम को भेजे अलग -अलग पत्रों में वकीलो के इस समूह ने यह कहते हुए कॉलेजियम की संस्तुति पर ऐतराज किया है कि उनकी नियुक्ति से न्यायपालिका की स्तंत्रतता कमजोर पड़ जाएगी।

वरिष्ठ वकील एन जी आर प्रसाद, आर वैगाई, अन्ना मैथ्यू, डी नागसैला और सुधा रामलिंगम समेत 22 वकीलों के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन में कहा गया है कि गौरी ने खुद ही स्वीकार किया है कि वह भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की महासचिव हैं।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की सदस्यता वाले इस कॉलेजियम ने गौरी एवं चार अन्य वकीलों को मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त करने का 17 जनवरी को प्रस्ताव किया था।

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