एमजंक्‍शन की स्‍टील कॉन्‍फ्रेंस में डीकार्बनाइजेशन और स्‍थायित्‍व पर रहा फोकस

29 सितंबर: भारत की सबसे बड़ी बी2बी ई-कॉमर्स कंपनी एमजंक्‍शन सर्विस लिमिटेड ने 27 और 28 सितंबर को नई दिल्‍ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में इंडियन स्‍टील मार्केट्स कॉन्‍फ्रेंस के 10वें संस्‍करण का आयोजन किया। इस साल के कॉन्‍फ्रेंस की थीम थी “इंडियन स्‍टील: इनोवेटिंग सॉल्‍यूशंस फॉर स्‍मार्टर एण्‍ड सस्‍टेनेबल फ्यूचर’’ (भारतीय इस्‍पात : ज्‍यादा स्‍मार्ट एवं स्‍थायी भविष्‍य के लिए नए-नए समाधानों का आविष्‍कार करना”)।

स्‍टील मंत्रालय के सचिव एवं आईएएस श्री नागेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, सेल के चेयरमैन श्री अमरेंदु प्रकाश और एमओआईएल के सीएमडी एवं एमईसीओएन के अतिरिक्‍त प्रभारी श्री ए.के. सक्‍सेना ने उद्योग के अन्‍य दिग्‍गजों के साथ स्‍टील सेक्‍टर के डीकार्बनाइजेशन की चुनौतियों से जुड़े मुद्दों और डीकार्बनाइजेशन पर उद्योग के प्रमुखों के बीच सहयोग की आवश्‍यकता पर बात की। घरेलू टेक्‍नोलॉजीज विकसित करने और आयात कम करने के लिये महत्‍वपूर्ण इनपुट्स का घरेलू उत्‍पादन प्राप्‍त करने के लिए सहयोग का आह्वान किया गया।

सेल के चेयरमैन श्री अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि स्‍टील के बाजार को विस्‍तारित करने के तरीकों को तलाशते हुए, स्‍टील निर्माताओं को खनन से लेकर नवीकरण योग्‍य ऊर्जा की खपत तक स्‍टील के उत्‍पादन की महत्‍व श्रृंखला पर गौर करने की आवश्‍यकता है। यह महत्‍व श्रृंखला खुद ही स्‍टील की मांग पैदा करेगी।

एनएमडीसी लिमिटेड के निदेशक (वाणिज्यिक) श्री विश्‍वनाथ सुरेश ने दूसरी चुनौतियों जैसे कि लॉजिस्टिक की बाधाओं आदि के बारे में विस्‍तार से समझाया। इन बाधाओं से मटेरियल की गति घुमावदार हो जाती है और लौह अयस्‍क का लाभ कम होता है।

एमजंक्‍शन के एमडी श्री विनय वर्मा ने अपने आरंभिक सम्‍बोधन में कहा कि ग्रीनहाउस गैसों को कम करने और डीकार्बनाइजेशन के संदर्भ में भारतीय स्‍टील उद्योग चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है।

दुनिया की सप्‍लाई चेन के दोबारा बहाल होने के साथ, उत्‍पादन में नये निवेशों के लिये भारत एक अनुकूल जगह है। इस गति को बनाये रखने के लिये भारत का स्‍टील उद्योग बिक्री, खरीदी एवं लॉजिस्टिक्‍स के कामों में नवाचारों के माध्‍यम से प्रतिस्‍पर्द्धी होना चाह रहा है। उत्‍पाद का स्‍थायित्‍व, आपूर्ति श्रृंखला का सक्षम प्रबंधन, अभिनव डिजिटल समाधान और चक्रीय अर्थव्‍यवस्‍था उद्योग को आगे ले जाने के लिये महत्‍वपूर्ण हैं।

इसके लिये एमजंक्‍शन ने कुछ पहलें की हैं- उनमें से एक है भारत में मांग और आपूर्ति के परिदृश्‍य को देखते हुए मेट कोल खरीदने में भारतीय खरीदारों की सहायता के लिये मेट कोल प्‍लेटफॉर्म बनाना। एमजंक्‍शन ने यह सुनिश्चित करने के लिये ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म्‍स भी डिजाइन किये हैं कि विभिन्‍न स्रोतों, जैसे कि ईएलवी स्‍क्रैप, होम स्‍क्रैप, इंडस्‍ट्रीयल स्‍क्रैप, आदि से पैदा होने वाला स्‍टील स्‍क्रैप पूरे भारत में उपभोक्‍ताओं को लगातार उपलब्‍ध हो। इस प्रकार स्‍टील के अधिक स्‍थायी उत्‍पादन में योगदान मिलेगा।

श्री वर्मा ने कॉन्‍फ्रेंस के अन्‍य पहलुओं पर जानकारी देते हुए कहा, “एमजंक्‍शन में हम स्‍थायी गुणवत्‍ता का स्‍क्रैप प्राप्‍त करने और उसे स्‍टील कंपनियों की लोकेशन तक पहुँचाने में उनकी मदद करते हैं। इस तरह यह काम बिना किसी परेशानी के और पारदर्शी ढंग से होता है।”

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------
E-Paper