एसआरएमएस रिद्धिमा में नाटक “मिट्टी की महक ” का मंचन


बरेली , 18 सितम्बर। एसआरएमएस रिद्धिमा के सभागार में कल रूबरू थिएटर नई दिल्ली द्वारा नाटक “मिटटी की महक” का मंचन हुआ।एसआरएमएस काजल सूरी लिखित और निर्देशित नाटक भारत में अच्छी शिक्षा हासिल करने के बाद डॉक्टर, इंजीनियर बनने वाले युवाओं की है, जो ज्यादा पैसा कमाने और सहूलियतें हासिल करने के लिए विदेश चले जाते हैं। जहां उनको सेकंड क्लास सिटीजन ही माना जाता है। जो प्यार और अपनापन अपने देश में उन्हें मिलता है वो बाहर नहीं मिलता। ये जानते हुए भी पैसे और ऐशों आराम की खातिर अपने देश नहीं लौटना चाहते। यह नाटक भी ऐसे ही एक महत्वाकांक्षी एनआरआई युवक राहुल के इर्द-गिर्द घूमता है। उसकी मां और मंगेतर हिंदुस्तान जाने के लिए बेताब हैं। उनको अपने देश की मिट्टी की खुशबू अपनी तरफ खींचती है। राहुल का एक दोस्त पीटर जिसने इंडिया देखा नहीं है, उसका सपना भी इंडिया जाना है। इस दोस्तों के बीच टैक्सी ड्राइवर बलवंत कामन कड़ी है। वह टैक्सी में हिंदी गाने गा- गा कर विदेश में रह रहे भारतीयों को अपने देश वापस जाने के लिए प्रेरित करता है। नाटक का सुखांत होता है। इसमें स्वर्णिमा बाजपेयी (गीता), जसकिरण चोपड़ा (राधा), शुभम शर्मा (राहुल), आफताब हुसैन (बलवंत सिंह), शक्ति सिंह (पीटर) ने अपनी भूमिकाओं में बेहतरीन अभिनय किया। नाटक में कोरियोग्राफ मनन सद ने किया, जबकि स्पर्श ने संगीत, रविंद्र गंगवार ने प्रकाश और रोहित कुमार ने प्रोडक्शन मैनेजर के रूप में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति जी, आदित्य मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, सुभाष मेहरा, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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