खेती से पद्मश्री तक, जानिए ‘किसान चाची’ राजकुमारी देवी की कहानी

बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली राजकुमारी देवी जिन्हे लोग किसान चाची के नाम से भी जानते है वह देश की महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं आपको बता दे की वह अपने गांव की आम महिला थी जो पहले साइकिल चाची थी और फिर किसान चाची बनी. राजकुमारी एक आम महिला से खेतों से होते हुए पद्मश्री तक की कहानी काफी संघर्ष भरी रही है।

राजकुमारी की शादी एक किसान परिवार में हुई थी और उन्होंने जैसे ही ससुराल में कदम रखा उनके ससुरालवालों ने उन्हें पति के साथ घर से अलग कर दिया हिस्से में उन्हें सिर्फ 2.5 एकड़ जमीन मिली थी जिससे उन्हें परिवार चलाना था जो की काफी मुश्किल था और इसलिए राजकुमारी ने फैसला किया कि वो घर में ना रह कर जमीन से पैसे कमाएंगी जिसे उनका परिवार सही से जी पाए और उन्होंने खेतों में काम करना शुरू किया।

खेती करने के लिए राजकुमारी देवी पूसा कृषि विद्यालय से उन्नत कृषी की जानकारी ली और अपने खेतों में ओल और पपीता उगना शुरू किया, पर खेतों में लगे ओल को उन्होंने सीधे बाजार में भेजने की जगह उसका आटा और आचार बनाया और उनके आचार के बिजनस ये ही से शुरू हुआ था।

वही जब उनकी इस तरकीब के बारे में गांव की महिलाओं को जब इसका पता चला तो वो भी सीखने आने लगीं।उन्होंने घर में ही महिलाओ को खेती के साथ साथ आचार बनाना सिखाया था और धीरे-धीरे उनके बाकी फूड प्रोडक्ट भी बाजार में आने लगा था और राजकुमारी की जगह वो किसान चाची के नाम से पुरे गांव में फेमस हो गई थी।

अब आसपास के लोग उनसे सलाह लेने आने लगे थे और उनसे अपने घर की महिलाओं को कृषि के गुर सिखाने की गुजारिश की।किसान चाची गांव से गांव जाकर महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह बनाने लगी आपको बता दे की वह अपनी साइकिल पर ही हर दिन 40-50 किलोमीटर का सफर तय कर लेती है।

आपको बता दे की किसान चाची अब तक 40 से ज्यादा स्वयं सहायता समूह बना चुकी है उनके अनुसार महिलाएं बहुत ही खुशहाल है तो वही उनके बारे में जब अमिताभ बच्चन को पता चला तो उन्होंने राजकुमारी को 5 लाख रुपए, आटा चक्की और जरूरत के सामान दिए ताकि उन्हें व्यापार में लाभ मिले ये ही नहीं सरकार किसान चाची को उनके कामो के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाज़ा है।

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