गांव में घूम घूम कर चूड़ी बेचने वाली मां की बेटी संघर्ष करते हुए बनी डिप्टी कलेक्टर,पढ़िए वसीमा की सक्सेस स्टोरी

भारत में कई ऐसे बच्चे होते हैं जो अफसर बनने का सपना देखते हैं लेकिन कई कारणों से उनका सपना पूरा नहीं होता। कई बार ऐसा होता है कि गरीबी के कारण उनका सपना अधूरा रह जाता है लेकिन इन्हीं बच्चों में कुछ ऐसे भी बच्चे होते हैं जो गरीबी से लड़ते हुए अपने सपने को पूरा कर सकते हैं।

हर साल लाखों की संख्या में बच्चे यूपीएससी और पीसीएस का परीक्षा देते हैं लेकिन इसमें सफल वही बच्चे हो पाते हैं,जो कड़ी मेहनत करते हैं और अपने सफलता के लिए रात दिन प्रयास करते हैं। हम आपको कहानी बताने वाले हैं महाराष्ट्र सर्विस पब्लिक कमिशन में तीसरा स्थान पाने वाली वसीम शेख की।

वासिमा ने महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन में तीसरा स्थान प्राप्त किया और पूरे परिवार का नाम रोशन किया। लगातार आने वाली मुश्किलों के आगे वसीमा ने हार नहीं मानी.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वसीमा के पापा की मानसिक हालत ठीक नहीं थी, उनकी मां अपना घर चलाने के लिए घूम घूम कर चूड़िया भेजा करती थी। ऐसे में बसी मां का अपना सपना पूरा करना बहुत ही ज्यादा मुश्किलों से भरा हुआ था। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार कोशिश करना शुरू कर दिया।

छोटे भाई ने उठाया पढ़ाई का खर्च-

वसीमा के परिवार की स्थिति ठीक नहीं थी इस कारण उसके छोटे भाई ने जैसे-तैसे ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करके छोटी मोटी कंपनी में नौकरी करना शुरू कर दिया। छोटे भाई ने वसीमा के पढ़ाई का खर्च उठा लिया। वसीमा की पढ़ाई सरकारी स्कूल से ही हुई और वह सरकारी स्कूल में पढ़ के ही अपने सपने की तरफ आगे बढ़ी।

18 साल की आयु में ही हो गई थी शादी-

वसीमा की शादी 28 साल की उम्र में कर दी गई लेकिन उनके किस्मत ने उनका साथ दिया। नसीमा के पति का नाम शेख हैदर है वह भी महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन का तैयारी करते थे। उन्होंने अपनी पत्नी के सपने को पूरा करने में उनका पूरा साथ दिया। वसीमा ने 2020 में न सिर्फ महाराष्ट्र सर्विस पब्लिक कमिशन का एग्जाम पास किया बल्कि तीसरा स्थान ला के रिकॉर्ड बना दिया।

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