जिलाधिकारी ने लम्पी स्किन डिजीज के संक्रमण को रोकने हेतु की आवश्यक बैठक

 

बरेली, 09 अक्टूबर। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने कल पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज के संक्रमण को रोकने हेतु समस्त सम्बंधित अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक विकास भवन सभागार में सम्पादित की।
जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम लम्पी स्किन डिजीज के विगत वर्ष का डाटा के बारे में पूछा, जिस पर अवगत कराया कि विगत वर्ष जनपद में लम्पी स्किन डिजीज के 525 केस पाये गये थे, जिसमें 06 पशुओं की मौत हुई थी लेकिन इस वर्ष जनपद में लम्पी स्किन डिजीज का अभी तक कोई केस नहीं है।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि पशुओं के अन्य जनपद से लाने व ले जाने वाली व्यवस्था को पुलिस/मजिस्ट्रेट/एसपी यातायात व जीएसटी विभाग से सम्बंधित अधिकारी/कर्मचारी पूर्णतः रोकें, यदि कोई वाहन पशुओं से भरा हुआ आ जाये तो उसे बार्डर से ही वापस लौटा दें और यदि कोई नहीं मानता है तो उसके विरूद्ध मुकदमा दर्ज करायें।
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो लोग पशुओं को छुट्टा छोड़ देते हैं उन्हें भी जागरूक किया जाये कि लम्पी स्किन रोग फैल रहा है इसलिये पशुओं को छुट्टा ना छोड़ा जाये, यदि समझाने के बाद भी नहीं मानते है तो उसके विरूद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर करायी जाये। उन्होंने कहा कि गौशाला में यदि पशु संक्रमित हो जाता है तो उसे अन्य गौवंशों के साथ ना रखा जाये, अलग रख कर इलाज मुहैया कराया जाये। उन्होंने राजस्व विभाग/पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत आने वाली गौशालाओं का समय-समय पर निरीक्षण करते रहे और यदि कोई पशुओं में कोई लक्षण आदि दिखने पर उसकी रिपोर्ट मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को जानकारी दें।
जिलाधिकारी ने कहा जिन गांवों में पशुओं का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है उसकी सूची उपलब्ध करा दें और उन सभी गांवों में विशेष ध्यान देते हुये वैक्सीनेशन कराया जाये। जनपद में 2 लाख वैक्सीन की उपलब्धता है, जिसे पूर्णतः उपयोग किया जाये इसके अतिरिक्त आइवमैक्टीन सहित अन्य आवश्यक दवाईयां भी उपलब्ध हैं।
संक्रमित पशुओं को मृत्यु दशा में 8 फीट गहरा, 8×6 फीट के गड्ढे में गड़वाते हैं पशु के पैर ऊपर रख कर दफनाया जाता है, उसमें नमक आदि डलावाया जाता है। पशु के लिये उपयोग में आने वाली चीजों को भी दफनाया जाता है और चारों तरफ फेंसिंग करा दी जाती है। इन गाइडलाइन का समस्त सम्बंधित विशेष ध्यान रखें।
जिलाधिकारी ने कहा कि पशुओं की संख्या वास्तविक व रजिस्टर में बराबर होनी चाहिये। गौशाला में पशुओं के बच्चों को अलग रखा जाये, ईयर टैगिंग शतप्रतिशत करवायी जाये, जिन ग्राम पंचायतों में गौशाला हैं वहां के ग्राम प्रधान, पंचायत सहायक, सचिव आदि को अलर्ट मोड पर रहे। उन्होंने कहा कि समस्त बीडीओ व ईओ अपने-अपने क्षेत्र में एक बैठक कर समस्त जानकारी निचले स्तर तक पहुंचाये।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक घुले सुशील चन्द्रभान, मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश, अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिनेश, अपर जिलाधिकारी (वि/रा) संतोष बहादुर सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए तेजवंत सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 मेघ श्याम व समस्त पशु चिकित्साधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारी/पुलिस क्षेत्राधिकारी/ खण्ड विकास अधिकारी/अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------
E-Paper