धनतेरस पर करें भगवान कुबेर की आरती और इन मंत्रों का जाप

नई दिल्ली. धर्म ग्रंथों में भगवान कुबेर को धन का देवता वर्णित किया गया है. मान्यता है कि इनकी आराधना करने से भक्तों की आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं और धन संचय के नए मार्ग खुल जाते हैं. भगवान कुबेर यदि अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं तो उसपर किसी भी प्रकार का आर्थिक संकट नहीं आता है. शास्त्रों भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र वर्णित किए गए हैं. जिनका शुद्ध उच्चारण करने से धन देवता कुबेर प्रसन्न हो जाते हैं.

बता दें कि भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस पर्व को उपयुक्त माना जाता है. इस वर्ष यह पर्व 23 अक्टूबर के दिन मनाया जाएगा. ऐसे में इस दिन माता लक्ष्मी और धनवंतरी के साथ-साथ भगवान कुबेर की पूजा का भी विशेष महत्व है. आइए जानते हैं किन मंत्रों के उच्चारण से होते हैं धन-देवता कुबेर प्रसन्न

* ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः।।

* ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः।।

ॐ जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े।

दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…।।

स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे।

योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…।।

गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे।

दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करे ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…।।

मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…।।

बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े,

अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…।।

मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले।

अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…।।

कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे।

 

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