पीपीएफ अकाउंट खुलवा रखा है तो इस बात को बिल्कुल भी न करें इग्नोर, मिलने वाले ब्याज पर पड़ेगा भारी असर

नई दिल्ली. सेविंग के लिए लोग कई सारे माध्यम अपनाते हैं. सेविंग के साथ ही अगर इंवेस्टमेंट भी हो और उस पर फिक्स ब्याज भी मिले तो लोगों को काफी राहत मिलती है. सरकार के जरिए एक ऐसी ही स्कीम चलाई जा रही है जो कि लोगों को कई फायदे मुहैया करवाती है. इस स्कीम के जरिए लोगों को बचत, निवेश और टैक्स में छूट का लाभ उठाने का मौका मिलता है. हालांकि इस स्कीम को लेकर एक बात को बिल्कुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए.

दरअसल, हम जिस स्कीम की बात कर रहे हैं उसका नाम पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ है. पीपीएफ के जरिए लोग लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर सकते हैं और अच्छी अमाउंट की बचत भी कर सकते हैं. पीपीएफ के जरिए लोगों को एक निश्चित ब्याज भी हासिल होता रहता है. इस ब्याज के जरिए लोगों को अपने निवेश की राशि बढ़ाने में भी मदद मिलती है. वहीं पीपीएफ में 15 सालों का मैच्योरिटी पीरियड होता है.

हालांकि अगर आपने पीपीएफ अकाउंट खुलवा रखा है तो एक बात का काफी ध्यान रखना चाहिए. दरअसल, पीपीएफ अकाउंट में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. ऐसे में इस खाते में जमा की जाने वाली अमाउंट को मेंटेन रखना चाहिए. अगर एक निश्चित अमाउंट से कम पैसा पीपीएफ में जमा कर रहे हैं तो उसका असर ब्याज पर पड़ेगा.

जाहिर-सी बात है कि पीपीएफ खाते में निवेश की जाने वाली राशि जितनी ज्यादा होगी, मिलने वाली ब्याज की राशि भी उतनी ही ज्यादा होगी. वहीं अगर पीपीएफ में निवेश की जाने वाली राशि में कमी आती है तो ब्याज भी उस राशि के अनुसार गिर जाएगा. ऐसे में ध्यान रखें की पीपीएफ में जितना ज्यादा से ज्यादा सेविंग कर सकें, करनी चाहिए और वित्त वर्ष में निवेश की जाने वाली एक अमाउंट को बनाए रखना चाहिए.

 

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------
E-Paper