फ‍िर बढ़ी ITR फाइल करने की लास्ट डेट, अब इस तारीख तक भर सकेंगे इनकम टैक्‍स र‍िटर्न

नई दिल्ली. टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है. सरकार की तरफ से इसे भरने के लिए डेडलाइन जारी की जाती है जिसके भीतर टैक्सपेयर्स को हर हाल में टैक्स भरना होता है. लेकिन कुछ लोग निर्धारित डेट तक भी अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते हैं. इसके बाद उनको जुर्माने के साथ टैक्स भरना पड़ता है. इस जुर्माने को इनकम टैक्स रिटर्न लेट फीस के तौर पर वसूल किया जाता है. वित्त मंत्रालय ने आयकर रिटर्न भरने की तिथि को बढ़ा दिया है.

वित्त मंत्रालय ने इनकम टैक्‍स र‍िटर्न फाइल करने की अंत‍िम त‍िथ‍ि ए‍क बार फ‍िर बढ़ा दी है. मंत्रालय ने कंपनियों द्वारा आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाकर 7 नवंबर कर दी है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक नोट‍िफ‍िकेशन में कहा कि पिछले महीने ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाई गई थी, इसलिए आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा भी बढ़ा दी गई है. सीबीडीटी ने कहा, ‘आकलन वर्ष 2022-23 के लिए अधिनियम की धारा 139 की उप-धारा के तहत आय का ब्योरा देने की तिथि बढ़ा दी गई है, यह पहले 31 अक्टूबर थी. इसे अब बढ़ाकर 7 नवंबर, 2022 कर दिया गया है.’

सीबीडीटी ने फॉर्म 10A भरने की डेडलाइन को भी बढ़ाकर 25 नवंबर, 2022 कर दिया है. पहले इसे 30 सितंबर तक ही इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से भरा जाना था. सीबीडीटी ने कहा, करदाताओं की जरूरतों को देखते हुए फॉर्म 10A भरने की अंतिम तिथि बढ़ाई जाती है.

वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2022 थी. ऐसे करदाता जिनके खातों को ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें इस तारीख तक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना था. ऐसे टैक्सपेयर्स जिन्होंने 31 जुलाई तक ITR दाखिल नहीं किया उन्हें 5000 रुपये का जुर्माना यानी लेट फीस देना पड़ेगी.

इंडिविजुअल या एचयूएफ या एओपी या बोओआई (जिनके खाते की ऑडिटिंग नहीं होनी है) की अंतिम तारीख 31 जुलाई थी जो कि बीत गई. वहीं, जिन खातों का ऑडिट होना है, उसकी डेडलाइन 7 नवंबर 2022 है. इसके अलावा, बिजनेस वाले लोग जिनकी टीपी रिपोर्ट जरूरी है, वे 30 नवंबर तक आईटीआर भर सकते हैं.

जिन लोगों की 31 जुलाई की तारीख बीत गई और वे किसी कारणवश अपना रिटर्न नहीं भर सके, वे अब 31 दिसंबर 2022 तक अपना रिटर्न भर सकेंगे, लेकिन इसकी कुछ शर्तें होंगी. इस रिटर्न को बिलेटेड रिटर्न, लेट रिटर्न या रिवाइज्ड रिटर्न कहते हैं. इस सुविधा के तहत आप रिटर्न तो भर लेंगे लेकिन आपको कुछ जुर्माना देने के साथ, ब्याज और सेटऑफ के लाभ वंचित होना पड़ेगा.

गौरतलब है कि विभाग करदाताओं से लगातार यह अनुरोध करता रहा है कि वे विलंब शुल्क के बोझ से बचने के लिए निर्धारित समय के भीतर रिटर्न जमा कर दें. हालांकि बीते वर्षों की अपेक्षा इस साल बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स ने रिटर्न दाखिल किया है. वहीं अब ऑडिट होने वाले खाता के धारकों को भी समय रहते टैक्स भर लेना चाहिए.

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