बदली हुई राजनीतिक स्थिति बंगाल में घुसपैठ रोकने में बीएसएफ की मदद करेगी : गृहमंत्री अमित शाह

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति जल्द ही ऐसी होगी कि स्थानीय प्रशासन भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में अवैध घुसपैठ और सीमा पार तस्करी को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की मदद करने के लिए मजबूर हो जाएगा। यह बात पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कही। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बॉर्डर आउटपोस्ट हरिदासपुर में स्थित मैत्री संग्रहालय के शिलान्यास समारोह के अवसर पर गुरुवार दोपहर को एक कार्यक्रम में शाह ने कहा, “मैं समझता हूं कि स्थानीय प्रशासन की मदद के बिना अवैध घुसपैठ और सीमा पार तस्करी को रोकना बेहद मुश्किल है। हालांकि, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि यहां की राजनीतिक स्थिति ऐसी होगी कि आपको वह मदद मिलेगी। लोगों का दबाव स्थानीय प्रशासन को वह सहायता प्रदान करने के लिए बाध्य करेगा।”

शाह की टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है, जब पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार, पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं से 50 किलोमीटर तक के दायरे में बीएसएफ के अधिकार के विस्तार को लेकर आमने-सामने हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी एक अधिसूचना ने बीएसएफ कर्मियों को सीमा से 50 किलोमीटर के भीतर तलाशी अभियान चलाने, संदिग्धों को गिरफ्तार करने और जब्ती करने का अधिकार दिया है।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीमा पर तैनात बीएसएफ जवानों को हो रही दिक्कतों से वाकिफ हैं। उन्होंने कहा, “इसलिए, केंद्र सरकार योजनाएं लाने की कोशिश कर रही है ताकि सीमाओं पर तैनात कर्मियों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताने का अधिक से अधिक अवसर मिले। केंद्र सरकार भी सीमाओं पर तैनात सुरक्षा कर्मियों की कठिनाइयों को कम करने के लिए व्यवस्था कर रही है।”

पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री बीएसएफ को भाजपा के कैडर विंग में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए।” इससे पहले गुरुवार को अमित शाह ने उत्तर 24 परगना जिले के हिंगलगंज में बीएसएफ की छह तैरती सीमा चौकियों का उद्घाटन किया और वहां एक बोट एम्बुलेंस को भी हरी झंडी दिखाई।

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