मेरे फैसले किसी को डराने के लिए नहीं, ईडी के ऐक्शन पर भी बोले PM मोदी

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियां अच्छा काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि गौर करने वाली बात है कि केंद्रीय एजेंसियों ने जिनपर कार्रवाई की है उनमें से 97 फीसदी लोग राजनीति से संबंधित नहीं हैं। वहीं विपक्ष के ईवीएम पर सवाल उठाने को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष हार का ठीकरा फोड़ने के लिए बहाना ढूंढता है और इसीलिए इस तरह की बातें करता है।

किसी को डरने की जरूरत नहीं है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे फैसलों से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। किसी को डराने या धमकाने के लिए कोई फैसला नहीं किया गया है बल्कि देश के विकास के लिए फैसले लिए जाते हैं. पीएम मोदी से जब विपक्ष के अरापों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, सही बात ह है कि विपक्ष को हार का कोई बहाना चाहिए। वे सीधे हार के लिए खुद को दोष नहीं दे सकते। इसलिए आरोप ईवीएम और एजेंसियों पर लगाते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, हम चाहते हैं कि भारत में विदेशी निवेश करें लेकिन पसीना हमारा होना चाहिए। उनका पैसा और हमारा पसीना होना चाहिए। उत्पादों में हमारी धरती की सुगंध होनी चाहिए और देश के लोगों को रोजगार मिलना चाहिए।

ईडी सीबीआई के ऐक्शन पर क्या बोले मोदी
केंद्रीय जांच एजेंसियों के ऐक्शन को लेकर पीएम मोदी ने कहा, जिन कानूनों के तहत केंद्रीय एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं, उनमें से कोई कानून हमारी सरकार में नहीं बना। चुनाव आयोग सुधार का कानून हमारी सरकार लेकर आई। पहले यह होता था कि एक परिवार के जो लोग करीबी हैं उन्हं चुनाव आयुक्त बना दिया जाता था और फिर वे राज्यसभा चले जाते थे। मंत्री बन जाते थे। हम उस तरह का काम नहीं कर सकते।

वन नेशन, वन इलेक्शन पर क्या बोले पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद ने कहा कि एक देश एक चुनाव को लेकर वह प्रतिबद्ध हैं। देश के बहुत सारे लोगों ने कमेटी को अपने सुझाव दिए हैं। बहुत ही सकारात्मक सुझाव मिले हैं। एक देश, एक चुनाव लागू होने के बाद देश को बड़ा फायदा मिलेगा।

राहुल गांधी पर पीएम मोदी का हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी को लेकर कहा, दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजकल हम देखते हैं कि अपने ही शब्दों के प्रति जवाबदेही खत्म हो गई है। आप उनके पुराने वीडियो देख लीजिए। अब वे सबकुछ उलटा बोल रहे हैं। जब लोग यह सब देखते हैं तो लोगों को लगता है कि यह नेता देश को ठगना चाहता है। हम सुनते हैं कि एक राजनेता कहता है, एक झटके में गरीबी हटा दूंगा। जिन लोगों को पांच-छह दशक तक सत्ता में रहने का मौका मिला, जब वे ऐसी बातें करते हैं तो लोग भी सोचते हैं कि यह नेता क्या कह रहा है।

डीएमके नेताओं के सनातन पर बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं इस बात को अलग तरीके से देखता हूं। जिस कांग्रेस के साथ कभी महात्मा गांधी का नाम जुड़ा था। जिस कांग्रेस की इंदिरा गांधी जी खुलेआम रूद्राक्ष की माला पहनकर घूमती थीं। सवाल कांग्रेस को पूछना चाहिए कि तुम्हारी सनातन के साथ जहर उगलने वालों के साथ रहने की क्या मजबूरी है। यह कांग्रेस की सोच में विकृति आ रही है। धीरे-धीरे अब लोग नफरत का खेल स्वीकार नहीं रहे हैं। प्रश्न उनका नहीं है। प्रश्न कांग्रेस जैसी पार्टी का है कि उसने अपना मूल चरित्र खो दिया है क्या। संविधान सभा में ज्यादातर लोग गांधी के विचारों के थे। संविधान में भी सनातन की प्रिंटिंग हैं। आज सनातन को गालियां देने की हिम्मत कैसे हो गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘अभी तो ट्रेलर वाली बात’ किसी को डराने के लिए नहीं हैं। मेरे फैसले देश के विकास के लिए हैं। देश के युवाओं के लिए हैं। ज्यादातर सरकारों का विचार रहता है कि हमने तो सबकुछ कर लिया है। मैंने ज्यादा से ज्यादा करने का प्रयास किया है। फिर भी बहुत कुछ है जिसे करना है। मैं देश की आवश्यकता देखता हूं। हर परिवार का सपना कैसे पूरा हो यह मेरे दिल में है। इसलिए मैं कहता हूं कि जो हुआ है वह ट्रेलर है लेकिन मैं और अधिक करना चाहता हूं।

राम मंदिर पर क्या बोले पीएम मोदी
राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, जब हमारी पार्टी का जन्म ही नहीं हुआ था तभी इस समस्या का समाधान हो सकता था। भारत विभाजन हुआ तभी राम मंदिर के मामले में तय किया जा सकता था। एक हथियार था जो कि वोट बैंक पॉलिटिक्स का दांव था और उसे पकड़कर रखा गया। बार-बार उसको भड़काया गया। यहां तक कोशिश की जा रही थी कि अदालत से फैसला ना आए। उसमें अड़ंगे लगाए जा रहे थे। राम भारत की मूलभूत आस्था हैं। ये उनके प्रति नकारात्मकता लेकर चलते रहे। सोमनाथ मंदिर के मामले में उस समय के प्रधानमंत्री नहीं गए। वह परंपरा आज भी चल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, जब मुझे राम मंदिर के उद्घाटन का मौका मिला तो मैंने सोचा कि मैं खुद को इस योग्य कैसे बनाऊं। तब मुझे सुझाव मिले और मैंने 11 दिन का अनुष्ठान करने का फैसला किया।

आगे के प्लान को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह चुनाव देश के सामने एक अवसर है। कांग्रेस सरकार का पांच-छह दशक का काम और मेरा सिर्फ दो दशक का काम। किसी भी क्षेत्र में आप तुलना कर लीजिए। अगर कमियां होंगी तो हमारे प्रयास में कमी नहीं थी। हमें दो साल तो कोविड की लड़ाई में जाना पड़ा था। फिर भी देश में स्पीड, स्केल या सर्वांगीण विकास, हर पैरामीटर पर कांग्रेस के मॉडल से एक ऐसा मॉडल नजर आ रहा है कि इस रास्ते पर चलने से गति बढ़ेगी। अगले टर्म में हमें गति भी बढ़ानी है और स्केल भी बढ़ाना है। जब देश चलाने की जिम्मेदारी हो तो सिंगल माइंडेड फोकस होना चाहिए। पहले के राजनीतिक कल्चर में परिवार को कैसे मजबूत बनाना है, परिवार की जड़ों को कोई उखाड़ ना दे उसमें शक्ति लगा देना है। लेकिन मैं देश को मजबूत करने को लेकर काम कर रहा हूं।

2047 के विजन को लेकर पीएम मोदी ने कहा, मैं लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा और मुझे लगता था कि बार-बार चुनाव। आचार संहिता। जब भी चुनाव हो तो सीनियर अधिकारी चालीस पचास दिनों के लिए बाहर चले जाते थे। तभी मैंने सोचा कि मैं इसे वैकेशन के रूप में नहीं लूंगा। मैं उस समय भी 100 दिन का प्लान करता था। पीएम मोदी ने कहा, मैं पिछळे दो साल से 2047 को ध्यान में रखकर काम कर रहा हूं। 15 लाख से ज्यादा लोगों से सुझाव लिए हैं कि आने वाले सालों में वे भारत को कैसा देखना चाहते हैं। इतने सारे लोगों ने सुझाव दिए और फिर एआई की मदद लेकर सब्जेक्ट वाइज बनाया। मैंने टेक्नॉलजी का भरपूर इस्तेमाल किया। मैंने अधिकारियों के साथ बैठकर काम किया। प्रधानमंत्री ने कहा, यह विजन मोदी की बपौती नहीं है। यह पूरे देश का इनपुट है। मैंने इसे डॉक्यूमेंट के रूप में तैयार करवाया है। चुनावी प्रक्रिया के बाद यह राज्यों को भेज दिया जाएगा। यह देश का है केवल भाजपा का नहीं है। फिर नीति आयोग की मीटिंग होगी और फिर व्यापक चर्चा के बाद फाइनल चीज निकलेगी।

400 पार पर क्या बोले मोदी
400 से ज्यादा सीटें आने के बाद संविधान के रद्द होने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, जो व्यक्ति यूएन में जाकर तमिल भाषा का गुणगान करता हो, उस व्यक्ति पर किस आधार पर आरोप लगाए जा रहे हैं. जब मैं अलग अलग राज्यों के कपड़े पहनता हूं तब भी उनको परेशानी होती है। हम विविधता को सिलेब्रेट करते हैं। मैं तो मातृभाषा में डॉक्टर इंजीनियर बनने की बात करता हूं। जब मैं गेमिंग वाले बच्चों के साथ बैठा तो मैंने कहा कि अपनी मातृभाषा में सिग्नेचर करो।

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