‘मैंने बहुत गालियां सुनी हैं लेकिन…’, CVC कार्यक्रम में बोले PM मोदी

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को विज्ञान भवन में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘किसी भी कीमत पर’’ भ्रष्टाचारी बचने नहीं चाहिए तथा उन्हें राजनीतिक व सामाजिक प्रश्रय भी नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार एवं भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने वाले सीवीसी जैसे संगठनों और एजेंसियों को रक्षात्मक होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि देश की भलाई के लिए काम करने वालों को अपराध बोध में जीने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, “हमें राजनीतिक एजेंडे पर नहीं चलना है किन्तु देश के सामान्य लोगों को जो परेशानी हो रही है, उससे उन्हें मुक्ति दिलाने का हमारा काम है और हमें इसे करना है।”

पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे संगठन जब ईमानदारी से अपना काम करते हैं तो भले ही कुछ लोग निजी स्वार्थ के लिए चिल्लाते रहें, मगर उन्हें समाज का साथ मिलता है। गुजरात के सीएम के तौर पर अपने अनुभव साझा करते हुए मोदी ने कहा, “मैं लंबे अरसे से इस व्यवस्था से निकला हूं, लंबे अरसे तक सरकार के प्रमुख के तौर पर काम करने का अवसर प्राप्त हुआ, मैंने बहुत गालियां सुनी है, बहुत आरोप सुने हैं, मेरे लिए कुछ नहीं बचा है किन्तु जनता जनार्दन ईश्वर का रूप होती है वह सत्य को परखती है, सत्य को जानती है।”

पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों के लिए सरकारी विभागों को रैंकिंग देने का सुझाव देते हुए कहा, “हमें मिशन मोड पर सरकारी अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को अंतिम रूप देने की जरुरत है।” उन्होंने यह भी कहा कि हर भ्रष्टाचारी को समाज के कटघरे में खड़ा किए जाने का वातावरण बनाना बहुत जरुरी है क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा होने के बाद भी कई बार भ्रष्टाचारियों का गौरवगान भी किया जाता है। उन्होंने कहा, “मैं तो देखता हूं कि ईमानदारी का ठेका लेने वाले लोग, उनके साथ (भ्रष्टाचारियों) फोटो खींचवाने में भी शर्म नहीं करते। यह हालत भारतीय समाज के लिए ठीक नहीं है। ऐसे लोगों को समाज द्वारा कर्तव्य का बोध कराया जाना बहुत जरुरी है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भ्रष्टाचार एक ऐसी बुराई है जिससे हम सभी को दूर रहना चाहिए। हम भी बीते 8 सालों से ‘अभाव’ और ‘दबाव’ से बनी व्यवस्था को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी सरकारी एजेंसियों को तंत्र को बदलने के लिए काम करना चाहिए तथा भ्रष्टाचार की परंपरा समाप्त होनी चाहिए क्योंकि भारत स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। उन्होंने कहा कि देश को एक ऐसा प्रशासनिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहिष्णुता रखता हो। वही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड से भ्रष्टाचार, शोषण की और संसाधनों पर नियंत्रण की जो विरासत मिली, दुर्भाग्य से स्वतंत्रता के बाद इसे और विस्तार मिला। उन्होंने कहा मगर आजादी के अमृतकाल में दशकों से चली आ रही इस परिपाटी को पूरी तरह बदल देना है।

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