यहां नहीं है लड़कियों को मरते दम तक बाल कटाने की इजाजत, माना जाता है गुनाह, जाने क्या है वजह

नई दिल्ली। दुनिया में एक धर्म के मानने वाले ऐसे भी हैं जो अपने समुदाय की लड़कियों और महिलाओं को मरते दम तक बाल कटवाने की इजाजत नहीं देते हैं. इतना ही नहीं इस कम्युनिटी की महिलाएं अपने शरीर के किसी भी हिस्से के बालों को भी नहीं हटा सकती हैं. एनाबैप्टिज्म क्रिस्चन चर्च से जुड़ा अमीश समुदाय इस नियमों का पालन लंबे समय से करती चली आ रही है. आज इंटरनेट के दौर में समय भले ही कितना बदल गया हो पर इस समुदाय ने अपनी परंपराओं और मान्यताओं को नहीं बदला है. इस समुदाय के लोग आज भी पुरानी रीति पर चलते हुए जिंदगी बिता रहे हैं.

अमीश समुदाय की महिलाएं अपने बालों को लेकर बिबलिकल नियमों का पालन करती हैं. प्राचीन नियमों के मुताबिक इस समुदाय की किसी भी महिला को किसी भी हालत में हेयर कट यानी बाल कटाने की इजाजत नहीं है. इसी के साथ ही अमीश महिलाओं को अपने बालों को किसी जूड़े में बांधकर उसे कपड़े से ढककर रखना होता है. इस कम्युनिटी की महिलाएं सिर्फ घर के अंदर ही बाल खोल सकती हैं. अगर किसी महिला ने गलती से या जानबूझकर अपने बाल काटे तो इसे शर्मनाक और किसी पाप की तरह माना जाता है.

इन नियमों के तहत महिलाओं को शेव करने की भी इजाजत नहीं है. यानी वे अपने शरीर के बालों को भी नहीं हटा सकती हैं. इन महिलाओं को बगलें शेव करने की इजाजत तक नहीं है. वहीं अगर इस बात का सबूत मिल जाए कि किसी महिला ने बाल कटाए या रेजर का इस्तेमाल किया तो उसे सजा तक दी जा सकती है.

हालांकि समय के साथ इन महिलाओं को कुछ ढील भी दी गई है. अमीष महिलाओं में अगर किसी के बाल बहुत भारी बाल हों, तो उन्हें हेयर थिनिंग कॉम्ब का इस्तेमाल करने की छूट दी जाती है, ताकि सिर का जूड़ा थोड़ा हल्का हो सके.

 

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