राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए नौकरी छोड़ साइकिल से अयोध्या जा रहा राम का अनोखा भक्त

सागर: जब भगवान राम का मंदिर अयोध्या में आकार लेने जा रहा है और आने वाले नए साल में भगवान रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा, तब भगवान राम के भक्त भव्य समारोह में हिस्सा लेने के लिए देशभर से पहुंच रहे हैं. ऐसे ही एक भक्त बलराम वर्मा है, जो यूपी के रहने वाले हैं, लेकिन फिलहाल पुणे में एक कैंटीन में नौकरी करते थे. पिछले एक साल से बलराम भगवान राम के मंदिर के निर्माण के समाचार और तस्वीरें मीडिया और सोशल मीडिया पर देखते आ रहे हैं और तभी उन्हें मन बना लिया था कि भगवान राम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेने अयोध्या पहुंचेंगे. जैसे ही मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की घोषणा हुई, तो भगवान राम के भक्त बलराम ने नौकरी छोड़ अपनी साइकिल उठाई और पुणे से अयोध्या के लिए रवाना हो गए.

कैंटीन का काम छोड़कर निकला
प्रयागराज का रहने वाला बलराम वर्मा पुणे की एक कैंटीन में नौकरी कर रहा था. वह 1 साल से रामलला के मंदिर में विराजमान होने की खबरें सुन रहा था, जब तारीख तय हो गई तो उसने अयोध्या जाने का मन बना लिया. कैंटीन का काम छोड़कर वह साइकिल से ही यात्रा पर निकल पड़ा. सबसे पहले वह शिर्डी पहुंचा, जहां साईं बाबा का आशीर्वाद लिया और यात्रा शुरू की. इसके बाद वह शनि शिंगणापुर से होते हुए मध्य प्रदेश में प्रवेश कर गया.

बागेश्वर धाम चित्रकूट होते हुए अयोध्या पहुंचेगा
सबसे पहले खंडवा में स्थित नर्मदा नदी किनारे ओंकारेश्वर पहुंचा, जहां पूजन अर्चन के बाद यात्रा को आगे बढ़ाया. फिर उज्जैन में महाकाल के दर्शन किए. वहां से सागर होते हुए बागेश्वर धाम के दर्शनों को जा रहा है. इसके बाद चित्रकूट होते हुए अयोध्या में पहुंचेगा. बलराम वर्मा ने बताया कि वह करीब 2000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा करेगा. एक दिन में 50 किलोमीटर तक की यात्रा करता है. शाम के समय जहां पर मंदिर या कोई धर्मशाला होती है वहां पर वह रुक जाता है.

कौन हैं रामभक्त बलराम: भगवान राम के भक्त बलराम वर्मा राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पुणे से साइकिल से ही अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं. बलराम वर्मा की उम्र करीब 28 साल है और वह यूपी के प्रयागराज के रहने वाले हैं. पिछले कई सालों से महाराष्ट्र के पुणे में एक केंटीन में नौकरी करते थे, पिछले 2 साल से राम मंदिर निर्माण की खबरें सुनते आ रहे बलराम वर्मा ने फैसला कर लिया था कि वह राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जरूर जाएंगे. जैसे ही राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तारीख 24 जनवरी तय हुई, तो बलराम वर्मा ने अपनी नौकरी से इस्ताफा दिया और साइकिल उठाकर अयोध्या के लिए रवाना हो गए.

धार्मिक स्थान के दर्शन कर पहुंचेंगे अयोध्या: बलराम वर्मा की बात करें तो पुणे से रवाना होने के बाद बलराम वर्मा अपनी साइकिल से सबसे पहले शिर्डी पहुंचे और साईं बाबा के दर्शन किए. साईं बाबा का आशीर्वाद लेने के बाद बलराम वर्मा शनि सिगनापुर पहुंचे और मध्य प्रदेश में प्रवेश करने के बाद ओंकारेश्वर में उन्होंने ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए. ओंकारेश्वर के बाद बलराम वर्मा उज्जैन पहुंचे और महाकाल दर्शन करने के बाद भोपाल, विदिशा होते हुए सागर जिले पहुंचे. सागर से बलराम वर्मा छतरपुर में बागेश्वर धाम पहुंचेंगे और बागेश्वर धाम सरकार के दर्शन करने के बाद यूपी की सीमा में प्रवेश करते हुए अयोध्या के लिए रवाना होंगे.

2 हजार किमी साइकिल चला चुके हैं राम भक्त बलराम: भगवान राम के अनूठे भक्त बलराम वर्मा ने बताया कि वे पुणे में भी साइकिल से अपने कामकाज करते हैं, फिलहाल अब वे अयोध्या पहुंचने के लिए रोज करीब 50 किलोमीटर साइकिल चला रहे हैं. अब तक वह पिछले 20 दिनों में एक हजार किलोमीटर से ज्यादा साइकिल चला चुके हैं. बलराम सुबह होते ही साइकिल चलाना शुरु कर देते हैं और दिन में भोजन के बाद थोड़ा विश्राम कर अंधेरा होने के पहले किसी कसबे या शहर में पहुंचकर किसी धर्मशाला या मंदिर में रुक जाते हैं. जब लोगों को बलराम वर्मा के संकल्प के बारे में पता चलता है तो वह उनकी आर्थिक मदद के साथ-साथ उनके खाने-पीने का इंतजाम करते हैं.

अयोध्या के सनातन मेले में होंगे शामिल: भगवान राम के अनन्य भक्त बलराम वर्मा का कहना है कि “राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ जनवरी के महीने में ही अयोध्या में संत समाज ने सनातन मेले का आयोजन होना है, इस आयोजन का उद्देश्य से सनातन धर्म को आगे बढ़ाना है और धर्म के अनुयायियों को एकजुट करना है. अयोध्या पहुंचकर मैं भी उस कार्यक्रम में हिस्सा लूंगा और फिर भगवान राम के दर्शन करूंगा.”

 

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------
E-Paper