राष्ट्रपति ने दिया नेपाल में 7 दिन में सरकार बनाने का अल्टीमेटम

काठमाण्डु: चुनाव में किसी भी बहुमत न मिलने के बाद अब नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी (Bidya Devi Bhandari) ने सभी राजनीतिक पार्टियों को नई सरकार बनाने के लिए सात दिन का समय दिया है। राष्ट्रपति ने संविधान सभा के ऐसे सदस्य को दावा करने बुलाया है जो दो या अधिक पार्टियों के सहयोग से बहुमत हासिल कर सरकार बना सके। 25 दिसंबर को शाम 5 बजे तक सरकार के नेतृत्व का दावा पेश करने का समय दिया गया है।

क्या कहता है संविधान
अनुच्छेद 76 (2) कहता है कि राष्ट्रपति प्रधान मंत्री के रूप में प्रतिनिधि सभा के सदस्य को नियुक्त करता है जो दो या दो से अधिक पार्टियों के समर्थन से बहुमत हासिल करने में सक्षम है। अनुच्छेद 76(2) के तहत अगर कोई विधायक बहुमत साबित नहीं कर पाता है तो सरकार गठन की नई प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अगर पार्टियां अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार दावा करने में विफल रहती हैं, तो सरकार का नेतृत्व सबसे बड़ी पार्टी के रूप में नेपाली कांग्रेस के पास जाएगा। जिसके अध्यक्ष देउबा हैं।

दहल और देउबा में पीएम बनने पर बात
इस बीच, सीपीएन (CPN Maoist Centre ) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ (Pushpa Kamal Dahal ‘Prachanda) ने औपचारिक रूप से नेपाली कांग्रेस (Nepali Congress)प्रमुख और प्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा (Sher Bahadur Deuba)के समक्ष प्रीमियरशिप के लिए अपना दावा पेश किया। दहल पांच साल के कार्यकाल की पहली छमाही में प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। तर्क दिया है कि चूंकि माओवादी सेंटर ने डेढ़ साल से अधिक समय तक सरकार का नेतृत्व करने में कांग्रेस की मदद की, इसलिए कांग्रेस को दहल को कार्यकाल की पहली छमाही के लिए नई सरकार का नेतृत्व करने देना चाहिए। हालांकि, दहल से मुलाकात के दौरान देउबा ने न तो दहल को समर्थन देने का वादा किया और न ही उन्होंने अपने लिए पद का दावा किया। देउबा खुद पांच साल के कार्यकाल की पहली छमाही में नई सरकार का नेतृत्व करना चाहते हैं।

किसी के पास नहीं बहुमत
275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में किसी भी दल के पास सरकार बनाने के लिए आवश्यक 138 सीटें नहीं हैं।देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस (एनसी) 89 सीटों के साथ चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, उसके बाद विपक्षी सीपीएन-यूएमएल 78 सीटों के साथ और प्रचंड के नेतृत्व वाली सीपीएन-माओवादी सेंटर ने 32 सीटें हासिल कीं। अन्य सत्तारूढ़ गठबंधनों के साथ नेपाली कांग्रेस के पास 136 सीटों की संयुक्त ताकत है, जो बहुमत वाली सरकार बनाने से दो सीटें कम हैं।

इनको मिली छिटपुट सीटें
नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) को 20, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी को 14, जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) को 12 और जनमत पार्टी को छह सीटें मिली हैं। सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के पास 10 सीटें हैं, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (एलएसपी) के पास चार और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के पास तीन सीटें हैं। राष्ट्रीय जनमोर्चा और नेपाल वर्कर्स एंड पीजेंट्स पार्टी के पास एक-एक सीट है। निचले सदन में पांच निर्दलीय सदस्य होते हैं।

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