रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा स्वच्छता अभियान एवम जल संरक्षण पर विचार गोष्ठी का आयोजन

बरेली,15 मार्च । रूहेलखंड विश्वविद्यालय परिसर इकाई,बरेली द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में प्रथम सत्र में स्वयंसेवकों द्वारा मंदिर प्रांगण एवम ग्राम डोहरा में स्वच्छता अभियान चलाकर साफ सफाई की।

सप्तदिवसीय शिविर के तृतीय दिवस के प्रथम सत्र का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित करके एवं पुष्प अर्पित कर मुख्य अतिथि प्रो.ज्योति पांडे, शिक्षा विभाग एवं विशिष्ट अतिथि डॉ ललित कुमार पांडेय असिस्टेंट प्रोफेसर पादप विज्ञान द्वारा किया गया। उसके बाद एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय में माननीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी द्वारा प्रेरित जल संरक्षण गीत का सामूहिक गायन एवम जल संरक्षण जागरूकता का संदेश भी दिया गया। आज एन. एस. एस. के सप्तदिवसीय शिविर में सांस्कृतिक समन्वयक डॉ.ज्योति पाण्डेय द्वारा पर्यावरण एवं जल संरक्षण विषय पर स्वयंसेवको को संबोधित किया गया और साथ ही साथ माननीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री मति आनंदी बेन पटेल जी द्वारा प्रेरित जल संरक्षण गीत का सामूहिक गायन भी करवाया गया। यह गीत जल संरक्षण जागरूकता का संदेश प्रदान करता है । अपने उद्बोधन में डॉ. ज्योति पाण्डेय ने बताया कि जल संरक्षण से तात्पर्य जल को बचाना और उसका पुनः चक्रण करना है। जल संरक्षण गंभीर वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दा है। नगरीकरण, औद्योगिकरण, जलवायु संकट, जनसंख्या वृद्धि , तीव्र जलवायु परिवर्तन आदि इसके प्रभावी कारक है । धरती पर जल सीमित संसाधन के रूप में है , अतः भावी पीढ़ियों के लिए इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। जल है तो कल है और जल ही जीवन है, इस बात को समझने की आवश्यकता है और साथ ही साथ जल संरक्षण के लिया सार्थक पहल करने की ज़रूरत है। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों द्वारा लोगों को इस विषय में जागरूक किया जाए। विश्व भर में कई देशों के साथ साथ भारतवर्ष में भी भूमिगत जल स्तर कम हो रहा है। साथ-साथ स्थानीय स्तर पर, विशेष रूप से गांव में भूमिगत जल को सुरक्षित किया जा सके तथा अधिक से अधिक जल की उपलब्धता भविष्य के लिए सुनिश्चित की जा सके। विश्व जल दिवस 22 मार्च, 2024 को मनाया जाएगा तो इस अवसर पर सभी स्वयंसेवक यह शपथ ले कि आप इस विषयक जन जागरुकता करेंगे क्योंकि जल बचत और जल संरक्षण देंगे, हमें समृद्धि हर क्षण ।।
जल संरक्षण की अलख जगाए, सतत विकास का परचम लहराए। माननीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल महोदय श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी के द्वारा भी सदैव जल संरक्षण की प्रेरणा रूहेलखंड विश्वविद्यालय में प्रदान की गई है और इसी जल संरक्षण से संबंधित गीत को हम सभी सामूहिक रूप से गाया गया: जल जीवन मिशन को आओ मिलकर सफल करें, हर घर नल हो, हर घर जल हो, मिशन ये लागू करें।

डॉ ललित कुमार पांडेय ने अपने अनुभवों के आधार पर पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण के बृहद उदाहरण प्रस्तुत किए । स्वयं सेवक एवं स्वयंसेविकाओं को अपने जीवन में निरंतर छोटे-छोटे परिवर्तन कर जल संरक्षण करने हेतु प्रेरित किया।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ पवन कुमार सिंह ने बताया कि भारतवर्ष में दूषित जल के उपयोग के कारण कई प्रकार की बीमारियां फैल रही है। तो ऐसे में जरूरत है कि हम जल को स्वच्छ बनाएं और इसका संरक्षण करना सीखे ,उसका सही उपयोग करना सीखे, जल संरक्षण की विभिन्न विधियों का प्रयोग करें।

कार्यक्रम संचालक शांतनु दुबे ने कहा कि प्लास्टिक के स्थान पर बांस के बने उत्पादों का प्रयोग करना प्लास्टिक का अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे किसानों के लिए समृद्धि के द्वार खुलेंगे।
प्रतिमा,रजत गौतम, कामिनी, कृष्णा मिश्रा ने भी इस विषय पर स्वयंसेवकों के मध्य अपने विचार व्यक्त किए।

तृतीय सत्र का संचालन रजत गौतम द्वारा किया गया।स्वयंसेवक एवं स्वयंसेविकाओं के मध्य एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न प्रश्नों के उत्तरों के अंक के आधार पर स्वयं सेवकों की टोली विजयी रही। स्वयंसेवकों की टोली को पुरस्कृत किया गया।

इसके उपरांत चतुर्थ सत्र में ग्राम डोहरा से लेकर यूनिवर्सिटी केंपस तक पर्यावरण संरक्षण एवं जल संचयन के संबंध में रैली निकाली गई। स्वयंसेवकों द्वारा घर-घर जाकर इस संबंध में जागरूक करने हेतु प्रेरित किया गया। इसमें ,आकाश गुप्ता ध्रुव मिश्रा,नरेश, सत्यम शर्मा, गौरव आर्य, श्रुति , स्नेहलता, कपिल, अभिषेक, उमा यादव, सौरभ, प्रेरणा, आकाश गुप्ता, नरेश चंद्र, आश्रय तिवारी, भास्कर आदि के साथ-साथ समस्त स्वयंसेवकों ने प्रतिभाग किया ।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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