सऊदी अरब में बना इतिहास, पहली बार मदीना मस्जिद पहुंचा गैर मुस्लिम भारतीय नेता
नई दिल्ली। सऊदी अरब के मदीना शहर में एक अलग ही तरह का इतिहास बन गया। यहां भारत की मंत्री स्मृति ईरानी ने मुस्लिम पवित्र शहर मदीना का दौरा किया है। ऐसा पहली बार है जब मदीना शहर में कोई गैर मुस्लिम भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा है। अपने इस्लामिक कानूनों के लिए चर्चित सऊदी अरब में स्मृति ईरानी के पहुंचने को ऐतिहासिक माना जा रहा है। स्मृति ईरानी अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री हैं, उन्होंने प्रतितिधिमंडल के साथ मदीना शहर का दौरा किया और वहां यात्रियों के लिए की जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। इसे भारत की कूटनीति का अहम कदम माना जा रहा है।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि यह अपने आप में बहुत उल्लेखनीय और अप्रत्याशित घटनाक्रम था। मदीना में यह पहला गैर मुस्लिम प्रतिधिमंडल था जिसका इस पवित्र शहर में स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि यह भारत और सऊदी अरब के बीच बेहतरीन संबंधों को दर्शाता है। दरअसल, सऊदी अरब के प्रिंस ने मदीना शहर को गैर मुस्लिमों के लिए भी साल 2021 में खोला था।
दौरे के बाद स्मृति ईरानी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि ‘मैंने आज मदीना की ऐतिहासिक यात्रा की। इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक में पैगंबर की मस्जिद अल मस्जिद अल नबवी, उहुद के पहाड़ और पहली इस्लामी मस्जिद कुबा की यात्रा शामिल है।’ उन्होंने कहा कि ‘इस दौरान इस्लाम को करीब से जानने का अवसर मिला।’ स्मृति के साथ विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन भी शामिल थे।
इससे पहले मंत्री स्मृति ईरानी ने सऊदी अरब के साथ इस साल हज यात्रा को लेकर द्विपक्षीय समझौता किया। इसके तहत अब भारतीय हज यात्रियों का कुल कोटा 1,75,025 तक पहुंच गया है। इसके अलावा स्मृति इरानी ने उमरा के लिए सऊदी अरब गए भारतीय लोगों के साथ मुलाकात की।
भारतीय मंत्री ने हजारों की तादाद में आने वाले भारतीय हज यात्रियों के लिए अच्छी सुविधाएं देने की प्रतिबद्धता जताई। इसके अलावा स्मृति इरानी अल बलाद जेद्दा गईं, जो यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है। सऊदी अरब ने मदीना में गैर मुस्लिम दल को जाने की अनुमति देकर अभूतपूर्व रवैया अपनाया।
मुस्लिम धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र के रूप में दो सबसे पवित्र शहरों में मदीना शहर एक है। मदीना शहर सऊदी अरब के हेजाज इलाके में शामिल है। मदीना वह शहर है जहां पर पैगंबर मोहम्मद प्रवास किए थे। यही से इस्लामिक कैलेंडर की शुरुआत मानी जाती है। स्मृति ईरानी अल मस्जिद अल नबवी के बाहरी दीवारों के पास तक गईं। इसके बाद वह उहूद पर्वत को भी देखने गईं। उन्होंने कूबा मस्जिद को भी देखा।