सोमवती अमावस्या पर कीजिए इन शक्तिशाली मंत्रों के जाप, दूर होंगे सारे कष्ट

सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। सोमवती अमावस्या साल में एक या दो बार ही आती है। यह व्रत सुहागिन स्त्रियां रखती हैं। सोमवती अमावस्या का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। सोमवती अमावस्या व्रत को शास्त्रों में ‘अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत’ भी कहा गया है। ‘अश्वत्थ’ यानी पीपल का पेड़। पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। इस दिन स्नान और दान करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है। व्यास जी के शब्दों के अनुसार इस दिन ध्यान, व्रत, व्रत करने से सहस्त्र गौओं का पुण्य फल प्राप्त होता है। इस बार सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को मनाई जा रही है। सोमवती अमावस्या के दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप करके सभी कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है। आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में।

ॐ आपदामपहर्तारम दातारं सर्वसम्पदाम्,
लोकाभिरामं श्री रामं भूयो-भूयो नामाम्यहम!
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नम:!

सोमवती अमावस्या पर शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं। इस मंत्र में सृष्टि के पंचतत्वों को नियंत्रित करने की शक्ति है।

सोमवती अमावस्या के दिन स्नान के समय इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है।

गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा सिंधु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू
सोमवती अमावस्या के दिन स्नान के वक्त इस मंत्र का जाप करने से तीर्थ में स्नान करने के समान पुण्य मिलता है।

 

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