हर साल धरती से क्‍यों दूर हो रहा है चांद, जानें क्‍या है चंदामामा का ये रहस्‍य ओर वजह

फ्लोरिडा। धरती से लाखों किलोमीटर दूर पर मौजूद चंद्रमा आजकल हर किसी के लिए उत्‍सुकता का विषय बना हुआ है। हर कोई इसके बारे में ही बातें करता है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं यह चांद अब हर साल धरती से दूर हो रहा है। एक असाधारण खोज में, वैज्ञानिकों ने पाया है कि चंद्रमा धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर जा रहा है। चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। पहले, यह माना जाता था कि चंद्रमा गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण पृथ्वी से निरंतर दूरी पर रहता था। लेकिन इस नई खोज ने चंद्रमा के बारे में कई सवाल उठाए हैं।

3.8 सेमी वाली दूरी
अमेरिकी अंतरिक्ष संस्‍था नासा के अनुसार, चंद्रमा पृथ्वी से हर साल वर्ष 3.8 सेमी की दर से धीरे-धीरे दूर जा रहा है। पहले, चंद्रमा समय मापने का एक प्रमुख हिस्सा हुआ करता था क्योंकि इसका उपयोग प्राचीन मानव सभ्यताओं द्वारा एक कैलेंडर के रूप में किया जाता था। हालांकि, इस नई खोज ने अतीत के निष्कर्षों और पूर्व हुई कई और खोजों के बारे में बहुत सारे सवाल उठाए हैं। अगर चंद्रमा पृथ्वी से इसी दर से दूर जाता रहता, तो वह शायद 1.5 अरब साल पहले पृथ्वी से टकरा जाता।

क्‍या है इसकी वजह
यूनिवर्सिटी ऑफ क्यूबेक में प्रोफेसर जोशुआ डेविस, विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के अनुसंधान सहयोगी मार्ग्रीट लैंटिन्क ने इस बारे में कई और बातें कही हैं। उनका कहना है कि चंद्रमा और पृथ्वी के बीच बढ़ते अंतर की नई खोज दिलचस्प हो सकती है। लेकिन यह अतीत के लिए भी एक ‘खराब मार्गदर्शक’ है। विशेषज्ञों का मानना है कि ‘मिलनविच चक्र’ चंद्रमा के पृथ्वी से दूर जाने का कारण हो सकता है। यह चक्र पृथ्वी की कक्षा के आकार और उसके अक्ष में एक बहुत ही छोटे विचलन का जिक्र करते हैं। साथ ही बताते हैं कि पृथ्वी पर सूरज की रोशनी की मात्रा पर इसका क्‍या प्रभाव पड़ता है।

क्‍या हैं ये चक्र
पृथ्वी पर सूर्य के प्रकाश की मात्रा इसकी जलवायु को प्रभावित करती है। साथ ही नम और शुष्क मौसम की अवधि के बारे में भी बताता है। मिलनविच चक्र क्षेत्र में मौसम में पूरी तरह से उलट हो सकता है। वे सहारा रेगिस्तान में हरियाली की वजह थे। साथ ही पृथ्वी पर झीलों के आकार को प्रभावित करने वाला बड़ा कारण भी हैं। ये चक्र ही चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी को भी निर्धारित करते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रमा 2.46 अरब साल पहले पृथ्वी से 60,000 किमी. करीब था, जो वर्तमान दूरी से कम है। इसका मतलब है कि धरती को रोजाना 17 घंटे सूरज की रोशनी मिलती है।

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