1600 KM प्रति घंटा की रफ्तार से घूम रही धरती, पर क्यों नहीं जान पाते हम? ये है वजह

नई दिल्ली. हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है और अपनी धुरी पर हमेशा घूमती रहती है. पृथ्वी अपने अक्ष पर करीब 1609 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से घूमती है लेकिन हमें इसका जरा भी अहसास नहीं होता है. हमें ऐसा लगता है कि पृथ्वी स्थिर है क्योंकि अगर पृथ्वी हिलती हुई महसूस होती तो झटके लगते और ये बिल्डिंगे धरती पर खड़ी ना रह पातीं. इसके अलावा भी इंसान को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता. चलना-फिरना भी इतना आसान नहीं होता. आइए जानते हैं कि इतनी तेज स्पीड पर घूमने के बाद भी हमें पृथ्वी के घूमने का अहसास क्यों नहीं होता है?

जान लें कि इस दुनिया में जो भी हो रहा है, उसके पीछे कहीं ना कहीं साइंस ही है. पृथ्वी के अपनी धुरी पर तेजी से घूमने और उसका हमें अहसास नहीं होने के पीछे भी विज्ञान है. दरअसल किसी भी चीज के गतिमान होने का अहसास हमें तब होता है जब उसकी स्पीड में बदलाव आता है. पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती जरूर है लेकिन उसकी स्पीड में बदलाव नहीं होता है. और इसी वजह से धरती के घूमने का अहसास हमें नहीं होता है.

धरती के अपनी धुरी पर घूमने की एक और वजह ये भी है कि इंसान यानी कि हमारा अस्तित्व पृथ्वी के साइज के मुकाबले काफी छोटा है. इसलिए हमें पृथ्वी के घूमने और सूर्य के लगातार चक्कर लगाने के बारे में पता नहीं चलता है.

गौरतलब है कि पृथ्वी अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाने में 23 घंटे, 56 मिनट और 4 सेकंड का समय लगाती है. धरती की परिधि 40 हजार 75 किलोमीटर है. जानकारी के मुताबिक, भूमध्य रेखा के आसपास का हिस्सा 1600 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से घूमता है.

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