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8 साल की बच्ची का हॉस्टल में रेप, भोपाल में स्कूल मालिक हुआ गिरफ्तार

Madhya Pradesh News Hindi: मध्य प्रदेश-एमपी की राजधानी भोपाल में बहुत ही शर्मनाक घटना सामने आई है। पुलिस ने भोपाल के प्राइवेट स्कूल के मालिक को आठ साल की मामूम बच्ची के रेप के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि स्कूल मालिक ने 13 दिन पहले हॉस्टल में इस शर्मनाक घटना को अंजाम दिया था।

हिन्दुस्तान टाइम्स की श्रुति तोमर की रिपोर्ट के अनुसार, मिनीराज मोदी को सोमवार को गिरफ्तार किया गया है। पीड़िता द्वारा मिनीराज मोदी की पहचान करने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। पूरे मामले में पुलिस ने सख्त ऐक्शन लेते हुए सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई)प्रकाश राजपूत को भी हिरासत में लिया, जिसने कथित तौर पर पीड़िता की मां पर रेप की शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डाला था।

भोपाल शहर जोन 2 की पुलिस उपायुक्त श्रद्धा तिवारी ने कहा कि इस पूरे मामले की पड़ताल करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। बताया कि मोदी को तब गिरफ्तार किया गया जब पीड़िता ने उसकी पहचान उसी दादी वाले अंकल के रूप में की थी।

मोदी का डीएनए टेस्ट करने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। एएसआई राजपूत से पूछताछ जारी है। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए राजपूत को दो सप्ताह पहले सस्पेंड कर दिया गया है। इस शर्मनाक घटना में पीड़िता की मां ने बच्ची का दो बार मेडिकल कराने के साथ-साथ मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने के बाद काउंसलिंग कराने को लेकर पुलिस पर आरोपियों को बचाने पर भी सवाल खड़े किए हैं।

अप्रैल के आखिरी सप्ताह में मेरी बेटी के साथ रेप हुआ। मुझे 29 अप्रैल को तब पता चला जब उसने वीडियो कॉल पर पूरी बात बताई। पीड़िता ने जय प्रकाश सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के सामने मुझसे अपनी आपबीती भी साझा की। अस्पताल प्रशासन द्वारा इसकी सूचना मिसरोद पुलिस को दी गई थी क्योंकि यह एक मेडिको-लीगल मामला था।

पीड़िता की मां का आरोप है कि जेपी अस्पताल के डॉक्टर की रिपोर्ट में रेप और पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में चोट की पुष्टि हुई है। एएसआई प्रकाश राजपूत ने अस्पताल आकर केस दर्ज नहीं करवाने का दबाव बनाया था। पीड़िता की मां का कहना था कि 30 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई।

पुलिस ने मेरी बेटी का एक और मेडिकल कराया और एक मेडिकल बोर्ड का गठन भी किया गया है। पुलिस ने लड़की की काउंसलिंग भी की है। इस मामले मे बाल कल्याण समिति ने भी दो दिन तक काउंसलिंग की थी।

मां का कहना था कि उनकी बेटी सिर्फ 8 साल की है और पहले से ही सदमे में है लेकिन पुलिस द्वारा अपनाई गई पूरी प्रक्रिया ने उसे मानसिक रूप से परेशान कर दिया है। पुलिस पर पीड़िता की मां के आरोपों का इनकार करते हुए डीसीपी तिवारी का कहना है एफआईआर में चीजें स्पष्ट नहीं थीं।

पहले मेडिकल में डॉक्टरों ने स्त्री रोग विशेषज्ञ से भी सलाह लेने की बात कही थी स्त्री रोग विशेषज्ञ ने उसकी जांच की और अलग राय दी जिसे मीडिया के साथ साझा नहीं किया जा सकता। बाद में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया।

इस बीच मां और पीड़िता की काउंसलिंग के लिए बाल कल्याण समिति से संपर्क किया गया। काउंसलिंग के दौरान सीडब्ल्यूसी के समक्ष दर्ज कराए गए। बयानों के बाद लड़की को संदिग्धों को दिखाया गया और उसने मालिक की पहचान की आरोपी के रूप में की थी।

इस पूरे मामले में आरोपी मिनीराज मोदी का कहना है कि वह पूरी तरह से निर्दोष है और उसके खिलाफ साजिश रची गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में, हॉस्टल वार्डन सहित तीन लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और यौन अपराध से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। वार्डन को पुलिस अब गिरफ्तार करेगी।

हिन्दुस्तान से साभार

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