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कानपुर में बारिश ने तोड़ा 52 साल का रिकार्ड, बेमौसम बरसात से किसान हताश

Kanpur Weather Today: सोमवार को शहर में हुई वर्षा ने चार दिसंबर को एक दिन में बारिश का पिछले 52 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। बेमौसम की तेज वर्षा से दिन के तापमान ने भी 10 डिग्री सेल्सियस का गोता लगाया है और दिन का अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री पर पहुंच गया है।

तेज हवा के साथ हुई वर्षा से खेतों में खड़ी लाही और सरसों की फसलों के फूल भी झड़ गए है। दो से तीन दिन पहले गेहूं की बोआई करने वाले किसानों को भी बीज सड़ने का खतरा सता रहा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार बेमौसम की वर्षा से आलू की खेती में भी झुलसा रोग लगने का खतरा बढ़ गया है।

समुद्री तूफान के असर से सोमवार को पूरे दिन बारिश का मौसम बना रहा। दिन में 9.8 मिमी बारिश हुई है जो चार दिसंबर के दिन हुई सर्वाधिक वर्षा है।

1971 के बाद दिन का तापमान नहीं पहुंचा था 17.8 पर
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय के रिकार्ड के अनुसार, 1971 से अब तक किसी भी वर्ष में चार दिसंबर को इतनी बारिश नहीं हुई और न कभी दिन का तापमान ही 17.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलने की वजह से पहाड़ों की सर्दी भी सीधे शहर तक पहुंच रही है। चक्रवाती हवा और बादलों की वर्षा ने सर्दी का असर बढ़ा दिया है। मंगलवार को भी वर्षा के आसार हैं । दो से तीन दिन तक चक्रवात का असर रहेगा। सोमवार को हवा की औसत रफ्तार भी 3.7 किमी प्रति घंटा रही है।

बेमौसम बरसात से किसान हताश
बेमौसम बरसात ने किसानों को सबसे ज्यादा मायूस किया है। तेज हवा के साथ हुई वर्षा से लाही और सरसों के फूल झड़ गए। चना, मटर के खेत में पानी भरने से खतरा बढ़ गया है।

बिठूर क्षेत्र के लोधर, कुरसौली, नौरंगाबाद,मोहनपुर, बैकुंठपुर, पैगूपुर में किसान रामू तिवारी, दादू मिश्रा, जयदुत्त अवस्थी ने बताया लाही और सरसों की फसल के फूल गिरने से बड़ा नुकसान हो गया है। किसानों ने अभी कुछ दिन पहले ही गेंहू के बीज बोए थे अब खेतो में पानी भरने से बीजो के सड़ने का डर है जो किसान अभी तक गेहूं की बोआई नहीं कर पाए हैं उन्हें अब एक सप्ताह तक इंतजार करना होगा।

खेतों से पानी की करें निकासी
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने किसानों को सलाह दी है कि अगले 48 घंटों तक मौसम पर नजर बनाए रखें। मौसम दो से तीन दिन तक ऐसे ही रहा तो आलू फसल में झुलसा रोग लगने की प्रबल संभावना है।

विश्वविद्यालय के डा. खलील खान ने बताया कि गेहूं की पहले बोई जा चुकी फसल के अलावा तिलहन, दलहन तथा सब्जी फसलों के लिए यह वर्षा फायदेमंद है लेकिन फूल वाली फसलों को नुकसान होगा। जिन खेतों में फसलें हैं उनमें पानी न जमा होने दें,जल निकासी की तुरंत व्यवस्था करें।

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