यूजर की प्राइवेसी से जुड़े मामले में अरबपति मार्क जुकरबर्ग की कंपनी पर भारत में रु. 213करोड़ का जुर्माना
नई दिल्ली : दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों में शुमार फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा के सीईओ मार्कट जुकरबर्ग को भारत से तगड़ा झटका लगा है. कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया यानी CCI ने मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है. जुर्माने की ये कार्रवाई व्हाट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी लागू करने और यूजर का डेटा चुराने के आरोपों पर की गई है.
आज हर मोबाइल फोन या लैपटॉप, टैबलेट में आपको मार्क जुकरबर्ग का व्हाट्सऐप ऐप दिख जाएगा. इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है, लेकिन अब ये प्लेटफॉर्म कंपनी के मालिक मार्क जुकरबर्ग को झटका देने वाला साबित हुआ है. दरअसल, इससे जुड़ी प्राइवेसी पॉलिसी के दुरुपयोग के आरोपों के चलते अब Whatsapp की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) पर भारत में सीसीआई ने 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना थोपा है. यह जुर्माना 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट के संबंध में अनुचित व्यावसायिक तरीकों को अपनाने के लिए लगाया गया.
Mark Zukerberg की कंपनी मेटा पर जुर्मना लगाने के साथ ही कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने अपने आदेश में कहा गया कि मेटा पर ये जुर्मना अपने दबदबे का दुरुपयोग करने के लिए लगाया गया है. आदेश में आगे कहा गया कि ये मामला इस बात से जुड़ा हुआ है कि व्हॉट्सएप की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी को कैसे लागू किया गया, यूजर का डेटा कैसे जमा किया गया और इसे अन्य कंपनियों के साथ शेयर भी कर दिया गया.
सीसीआई ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए Meta Inc पर सिर्फ जुर्माने की कार्रवाई ही नहीं की है, बल्कि व्हाट्सऐप को अपने प्लेटफॉर्म पर कलेक्ट किए गए यूजर डेटा को विज्ञापन के लिए अन्य मेटा प्रोडक्ट्स या कंपनियों के साथ शेयर न करने का आदेश भी दिया है. इसमें कहा गया है कि Whatsapp पांच साल तक यूजर डेटा किसी के साथ शेयर नहीं कर सकेगी. गौरतलब है कि भारत में व्हाट्सऐप के 500 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं.
व्हाट्सऐप यूजर्स की प्राइवेसी पॉलिसी के साथ खिलवाड़ करने के मामले में मार्क जुकरबर्ग की कंपनी पर जुर्माना और डेटा शेयर करने पर पाबंदी लगाने के साथ ही CCI ने यह निर्देश भी दिया है कि वे कंपनी एक तय समय के भीतर इसमें सुधार की दिशा में जरूरी कदम उठाए और उन्हें लागू करे. बता दें कि नियामक ने मार्च 2021 में व्हाट्सएप की रिवाइज्ड प्राइवेसी पॉलिसी की जांच शुरू की थी. इस पॉलिसी की काफी आलोचना भी की गई थी.
एक ओर जहां दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों में शामिल मार्क जुकरबर्ग पर जुर्माना लगाया गया है, तो दूसरी ओर अमीरों की लिस्ट में भी उन्हें तगड़ा झटका लगा है. दरअसल, बीते दिलों लिस्ट में दूसरे पायदान पर पहुंचने वाले मार्क जुकरबर्ग की नेटवर्थ में गिरावट आई है और अब वे दो पायदान खिसककर चौथे नंबर पर आ गए हैं. उनकी नेटवर्थ 196 अरब डॉलर है.