बोर्ड परीक्षा की तैयारी: केजीएमयू के विशेषज्ञों ने परीक्षार्थियों को दिए अहम सुझाव
लखनऊ। यूपी बोर्ड परीक्षा नजदीक आते ही छात्र-छात्राओं पर पढ़ाई का दबाव बढ़ रहा है। अच्छे अंक प्राप्त करने की चाह में वे लगातार घंटों तक पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे अवसाद और तनाव जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल, सिविल और लोकबंधु सहित अन्य अस्पतालों की ओपीडी में ऐसे छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। डॉक्टर परीक्षार्थियों को तनाव न लेने और पर्याप्त नींद लेने की सलाह दे रहे हैं
45 मिनट पढ़ाई के बाद 5 मिनट का ब्रेक लें
केजीएमयू के मनोचिकित्सक प्रो. आदर्श त्रिपाठी का कहना है कि किसी भी कार्य के दौरान व्यक्ति का ध्यान शुरुआत और अंत में सबसे अधिक केंद्रित होता है, लेकिन बीच में ध्यान भटक सकता है। यही नियम पढ़ाई पर भी लागू होता है। लगातार पढ़ाई करने से एकाग्रता कम होती है, इसलिए छात्रों को हर 45 मिनट की पढ़ाई के बाद 5 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए।
ब्रेक के दौरान शरीर को स्ट्रेच करें, खुली हवा में सांस लें, कुछ कदम टहलें, लेकिन मोबाइल का इस्तेमाल न करें। रील देखने या फोन पर बात करने से ध्यान भटक सकता है और एकाग्रता प्रभावित हो सकती है।
तनाव कम करने के लिए पूरी नींद और व्यायाम जरूरी
प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को *पर्याप्त नींद लेनी चाहिए, जिससे याददाश्त मजबूत होती है और पढ़ी हुई चीजें लंबे समय तक याद रहती हैं। इसके अलावा, **नियमित व्यायाम और योग करने से एकाग्रता बढ़ती है*। परीक्षा की तैयारी के दौरान शांत माहौल में पढ़ाई करना भी आवश्यक है। माता-पिता को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे बच्चों पर पढ़ाई का अत्यधिक दबाव न डालें और ऐसी चीजों से दूर रखें जो उनकी एकाग्रता को प्रभावित कर सकती हैं।
मोबाइल से बनाएं दूरी, किताबों से करें पढ़ाई
मोबाइल फोन आज के दौर में पढ़ाई के लिए जरूरी उपकरण बन गया है, लेकिन *रात 8 बजे के बाद मोबाइल से दूरी बनाना बेहतर रहेगा*। इससे छात्रों की नींद और मानसिक शांति बनी रहेगी। माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे परीक्षा संबंधी जानकारी के लिए ही मोबाइल का उपयोग करें, अन्यथा किताबों से पढ़ाई को प्राथमिकता दें।
अभिभावक क्या करें और क्या न करें?
– बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें, लेकिन अत्यधिक दबाव न डालें।
– परीक्षा के दौरान बच्चों को मानसिक रूप से सहज रखने में मदद करें।
– बच्चों को सफल लोगों की संघर्षपूर्ण कहानियां पढ़ने के लिए प्रेरित करें।
– योग, खेल और अन्य गतिविधियों को दिनचर्या में शामिल करें।
क्या न करें
– हर समय बच्चों को अच्छे अंक लाने के लिए मजबूर न करें।
– बच्चों की तुलना पड़ोसी या रिश्तेदारों के बच्चों से न करें।
– अवसाद के लक्षण दिखने पर बच्चों को अकेला न छोड़ें, बल्कि उनसे संवाद करें।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
अगर बच्चे में निम्नलिखित लक्षण दिखें, तो उन पर ध्यान देना आवश्यक है:
– लगातार *सिर दर्द* और *नींद न आना*
– *हमेशा तनावग्रस्त रहना* और *गुस्सा करना*
– *बातचीत से बचना* और *चिड़चिड़ेपन का शिकार होना*
– *किसी भी काम में मन न लगना*
– *भोजन न करना और नकारात्मक विचार आना*
बोर्ड परीक्षा की तैयारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना उतना ही जरूरी है जितना कि पढ़ाई करना। उचित योजना, पर्याप्त आराम और तनाव मुक्त माहौल से छात्र परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।