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रूस और पाकिस्तान की द्विपक्षीय संबंध तो भारत ने कर ली यूक्रेन से बात, जानें पूरा मामला

मॉस्को : रूस और पाकिस्तान तेजी से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। इससे भारत की चिंता बढ़ गई है। रूस अभी तक भारत के कारण पाकिस्तान के दूरी बनाकर रखे हुए था। एक दिन पहले ही रूसी उप प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक ने पाकिस्तान का ऐतिहासिक दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि रूस ब्रिक्स में पाकिस्तान की सदस्यता का समर्थन करता है। इसके एक दिन बाद ही भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेनी विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा से फोन पर बात की। भारत भी रूस के कारण यूक्रेन से दूरी बनाकर रखे हुए था। लेकिन, चंद दिनों पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया और राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बातचीत की थी।

एलेक्सी ओवरचुक के दौरे पर रूस और पाकिस्तान ने व्यापार, ऊर्जा सहयोग, क्षेत्रीय संपर्क और मजबूत रक्षा संबंधों में वृद्धि के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग के पूर्ण स्पेक्ट्रम की समीक्षा की और पिछले दो दशकों में अपने संबंधों में सकारात्मक गति का निर्माण करके इसे बढ़ाने के तरीकों पर भी बात की। उन्होंने संयुक्त बयान में घोषणा की कि रूस और पाकिस्तान का संयुक्त व्यापार 1 बिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंच चुका है। रूस ने पाकिस्तान को गैस और तेल की सप्लाई करने की भी इच्छा जाहिर की।

दोनों ही पक्षों ने पाकिस्तान और रूस के बीच व्यापार मार्गों को बेहतर बनाने के लिए रेल और सड़क नेटवर्क विकसित करने की योजना पर भी चर्चा की। रूसी उप प्रधानमंत्री ने उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के माध्यम से क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और इसे चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) से जोड़ने के महत्व पर जोर दिया। ओवरचुक ने यूरेशियन आर्थिक संघ (ईएईयू) के साथ सहयोग की पेशकश की, जो रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान सहित पांच सदस्य राज्यों का एक आर्थिक संघ है। रूसी उप प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से भी बात की और रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई।

रूसी उप प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक की पाकिस्तान यात्रा के एक दिन बाद ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन के नवनियुक्त विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा के साथ फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और यूक्रेन में संघर्ष का समाधान खोजने पर सार्थक चर्चा की। यह बातचीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूक्रेन की यात्रा के लगभग एक महीने बाद हुई। सिबिहा ने कहा कि मैंने नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक कीव यात्रा और वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ बातचीत के बारे में एस जयशंकर से चर्चा की। सिबिहा ने वार्ता के बाद कहा, “हम सहयोग के सभी आशाजनक क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए। हमने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) और राजनीतिक संवाद में समन्वित अगले कदम को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया।”

जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह यूक्रेन के विदेश मंत्री के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, “आज यूक्रेन के नए विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा से बात की। मंत्री बनने पर उन्हें बधाई दी। उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।” ऐसा माना जा रहा है कि बातचीत में रूस-यूक्रेन विवाद पर भी चर्चा हुई। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ अपनी वार्ता में मोदी ने कहा था कि युद्ध को समाप्त करने के लिए यूक्रेन और रूस को बिना समय बर्बाद किए साथ बैठकर बात करनी चाहिए तथा भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

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