उत्तर प्रदेश

आईवीआरआई में चल रहे हिन्दी पखवाड़े का समापन

बरेली, 01अक्टूबर। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में चल रहे हिन्दी पखवाड़े का कल समापन हो गया। समापन अवसर पर प्रश्न मंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सभी वैज्ञानिकों अधिकारियों एवं कर्मचारीगणों ने भाग लिया। हिन्दी पखवाड़ा दिनांक 14 सितम्बर से 29 सितम्बर तक आयोजित किया गया। इसके अन्तर्गत अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये।
इस अवसर पर संस्थान निदेशक एवं कुलपति डा. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि राजभाषा हिन्दी हमारी देश की एकता एवं संस्कृति को सुनिश्चत करती है। उन्होंने कहा हिन्दी एक ऐसी भाषा है जिससे हम सब जुड़े हैं चाहे वह किसी भी राज्य का हो या प्रांत का पर हिन्दी सर्वत्र बोली जाती है। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति के अन्तर्गत यह आवश्यक हो गया है कि छात्रों को अन्य भाषाओं के साथ 3 भाषाओं का ज्ञान होना आवश्यक है जिसमें हिन्दी प्रमुख है। हमें हिन्दी को आगे बढ़ाने के लिए राजभाषा के नियमों का पालन करना होगा तथा इसको अपनाना होगा। उन्होंने हिन्दी पखवाड़ा के सफल आयोजन हेतु हिन्दी पखवाड़ा के अध्यक्ष डा. रूपसी तिवारी सहित सभी आयोजकों को धन्यवाद दिया।
समापन अवसर पर बोलते हुए संस्थान की संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा तथा अध्यक्ष हिन्दी पखवाड़ा डा. रूपसी तिवारी ने कहा कि राजभाषा हिन्दी विविधता में एकता लिये हुये है यह भाषा केवल संचार का साधन नही नहीं अपितु राष्ट्र के इतिहास का प्रतिबिम्ब है। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश के साथ हिन्दी भी विकसित हुयी है। आज हम सब लोगों का कर्तव्य है कि इसके उत्थान में आगे आयें हिन्दी साहित्य को सीचनें एवं सराहने का कार्य करें। डा रूपसी तिवारी ने पखवाडे के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि इस पखवाड़े में टिप्पण आलेखन प्रतियोगिता, हिन्दी निबंध प्रतियोगिता, घरेलू महिला निबंध प्रतियोगिता, हिन्दी श्रुतिलेख प्रतियोगिता, शुद्ध हिन्दी भाषण, हिन्दी अनुवाद, हिन्दी कविता पाठ, हिन्दी कम्प्यूटर टाइपिंग, हिन्दी शोध पत्र प्रतियोगिता, प्रश्न मंच सहित अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष प्रो. राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि भाषा मात्र विचारों की भाषा नहीं है अपितु देश की पहचान तथा राष्ट्रप्रेम का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत में 22 मात्र भाषायें ओर बोलियां हैं तथा हिन्दी भारत की आत्मा है। उन्होंने आगे बताया कि यह आवश्यक है कि भारत की संस्कृति व विरासत को बचाये रखने के लिए हम सब लोग अपनी माृतभाषा में संवाद करें विशेषकर माँ बाप अपने बच्चों से अवश्य अपनी माृतभाषा में ही बात करें।
राजभाषा अनुभाग के प्रभारी डा. के. एन. काण्डपाल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुये आयोजित प्रतियोगिताओं के परिणामों की जानकारी देते हुए बताया कि शुद्ध हिन्दी भाषण प्रतियोगिता में आशीष कुमार-प्रथम (हिन्दी भाषी), डा. उज्जवल कुमार डे स्टाफ (अहिन्दी भाषी), छात्र हिन्दी भाषी में रवि कुमार-प्रथम स्थान पर रहे।
हिन्दी वाद विवाद प्रतियोगिता मंे स्टाफ हिन्दी भाषी में कैलाश चन्द्र चौहान; अहिन्दी भाषी में डा. उज्जवल कुमार डे, छात्र (हिन्दी भाषी) में डा. रवि कुमार झा प्रथम स्थान पर रहे।
घरेलू हिन्दी निबन्ध प्रतियोगिता में श्रीमती सुमन सिंह-प्रथम, हिन्दी श्रुतिलेख प्रतियोगिता में स्टाफ हिन्दी भाषी में श्रीमती कंचन पंवार-प्रथम, स्टाफ अहिन्दी भाषी में डा. शुकदेव नंदी, छात्र हिन्दी भाषी में डा.ऋृतिका आर्या-प्रथम छात्र अहिन्दी भाषी में डा श्रीकांत बल्लभनेनी-प्रथम स्थान पर रहे।
हिन्दी कविता पाठ में श्रीमती एकता सिंह ने स्टाफ हिन्दी भाषी में प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि डा. उज्जवल कुमार डे ने स्टाफ अहिन्दी भाषी तथा छात्र हिन्दी भाषी में आरजू नरेश प्रथम स्थान पर रहे।
हिन्दी निबन्ध प्रतियोगिता में महेश कुमार ने स्टाफ हिन्दी भाषी वर्ग में प्रथम स्थान जबकि डा. सुमन तालुकदार ने स्टाफ अहिन्दी भाषी तथा ऋतिका आर्या ने छात्र हिन्दी भाषी तथा डा. प्रदर्शनी दास ने छात्र अहिन्दी भाषी वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
टिप्पण आलेखन प्रतियोगिता में श्री मनीष श्रीवास्तव,-प्रथम, हिन्दी कम्प्यूटर टाइपिंग प्रतियोगिता में संस्थान के श्रीमती कंचन पंवार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। हिन्दी अनुवाद प्रतियोगिता में श्रीमती मीना अग्रवाल ने हिन्दी भाषी वर्ग में प्रथम डा. उज्जवल कुमार डे ने (अहिन्दी भाषी वर्ग) में तथा ऋतिका आर्या ने छात्र वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री सुबोध नीरज, कम्पट्रोलर श्रीमती संजीवन प्रकाश सहित संस्थान के वैज्ञानिक एवं अधिकारी तथा कर्मचारीगण उपस्थित रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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