मा0 मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की अध्यक्षता में मुरादाबाद एवं बरेली मण्डल की ‘‘मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2025‘‘ का हुआ आयोजन
बरेली, 27 मई। मा0 मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग सूर्य प्रताप शाही जी की अध्यक्षता में कल (कृषि विभाग के स्थापना का 150वीं वर्ष, एफ०पी०ओ० का 5वीं वर्ष, पी०एम० किसान सम्मान निधि का 6वीं वर्ष) बरेली एवं मुरादाबाद मण्डल की ‘‘मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2025‘‘ का आयोजन जी0आई0सी0 ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर मा० मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकारी की नीतियों के कारण पिछले 08 वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है साथ ही वर्तमान वर्ष में पूरे प्रदेश में लगभग 85 प्रतिशत गन्ना भुगतान किया जा चुका है। बरेली मण्डल की 10 चीनी मिलें ऐसी हैं जिनके द्वारा शत-प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। जनपद बरेली में 01 नई चीनी मिल की स्थापना का प्रस्ताव है। बरेली मण्डल में धान की खेती का क्षेत्रफल कम हुआ हैं। सरसों के उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई है। कृषकों को संतुलित मात्रा में उर्वरक व रसायनों का प्रयोग करना चाहिए, जिससे अधिक उत्पादन के साथ लागत में कभी आयें। हर वर्ष उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है। जिन जिलों की फसल उत्पादकता कम है उनके कारणों पर कृषि विभाग एवं मुख्य विकास अधिकारी, आयुक्त महोदय भी विशेष रूप से अपना ध्यान आकृष्ट करें। भारत सरकार द्वारा 29 मई से 12 जून तक विकास कृषि संकल्प अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये गये है। इस अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक न्याय पंचायत पर एक गोष्ठी आयोजित की जायेगी, जिसमें एक टीम के रूप में कृषि वैज्ञानिक एवं विभागीय कर्मचारी/ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इस अभियान का उद्देश्य सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाना है।
कृषि निदेशक द्वारा उक्त कृषकों की समस्याओं का समाधान करते हुए कृषकों से अपील की गयी कि किसान भाई खरीफ में फसल बीमा से आच्छादित फसलों का फसल बीमा अवश्य करायें। साथ ही जो कृषक भाई जैविक/प्राकृतिक खेती कर रहे हैं वह कृषक बीज प्रमाणीकरण संस्था से अपना पंजीकरण करा सकते हैं तथा जैविक उत्पाद के परीक्षण के परीक्षण के लिए लैब की स्थापना हेतु शासन स्तर पर वार्ता की जायेगी।
प्रबन्ध निदेशक, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम द्वारा अवगत कराया गया कि राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर कृषकों की मांग के अनुरूप अधिक से अधिक प्रजातियों का बीज उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा। हमारे पास आपके क्षेत्र में उत्पादित प्रजातियों का बीज पर्याप्त मात्रा में बुवाई हेतु उपलब्ध है।
प्रमुख सचिव (कृषि) द्वारा अवगत कराया गया कि मूँगफली एवं मूंग की खरीद हेतु 01 जून से क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति केन्द्र सरकार से मांगी गयी है। मेल पशु का खेती में इस्तेमाल न होने व दूध ने देने वाली गायों को छोड़ देने से छुटट्टा पशुओं की समस्या बढ़ रही है। इस समस्या के निदान हेतु सरकार लगातार प्रयासरत है। जिसमें कृषकों का सहयोग जरूरी है। गन्ना की 038 प्रजाति में रोग लगने की समस्या पिछले वर्षों से आ रही है जिस पर अवगत कराया गया कि एक साथ पूरे क्षेत्रफल से प्रजाति को नहीं बदल सकते। अभी तक हमने अन्य उपज देने वाली प्रजातियों से लगभग 36 प्रतिशत क्षेत्रफल को प्रतिस्थापित कर लिया है।
मा० विधान परिषद सदस्य बरेली द्वारा अवगत कराया गया कि किसान सम्मान निधि का लाभ किसानों को दिया जा रहा है जिसका लाभ कृषक भाई ले रहे है। सरकारी की जो भी नीतियाँ व योजनाएं चलायी जा रही है। उनका पूरा लाभ कृषक भाईयों को मिल रहा है।
मण्डलायुक्त बरेली मण्डल एवं मण्डलायुक्त मुरादाबाद मण्डल द्वारा गोष्ठी में खरीफ-2025 की रणनीति के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी, जिसमें धान का क्षेत्रफल घटाकर दलहन, तिलहन एवं मक्का का क्षेत्रफल बढ़ाया गया है। साथ ही यह भी अवगत कराया कि मण्डल में कृषि निवेशों की कोई कमी है। बरेली मण्डल में धान का क्षेत्रफल 12.50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत 30 करोड़ रूपए धनराशि का कृषकों को वितरण कराया गया है। कृषि एक जीवका का साधन है। आय बढ़ाने हेतु मार्केटिंग की व्यवस्था का होना आश्यक है। आर्गेनिक खेती हेतु लैब की आवश्यकता है। बासमती धान रिसर्च सेंटर जनपद पीलीभीत में करा रहे है।
मा० मंत्री जी, मा० राज्य कृषि मंत्री जी एवं उच्चाधिकारियों द्वारा गोष्ठी स्थल पर विभिन्न विभागों एवं कम्पनियों के द्वारा लगाये गये स्टॉलों का निरीक्षण किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र आई०वी०आर०आई०, गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर, कृषि विज्ञान केन्द्र, पीलीभीत के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कृषि की उन्नत तकनीकी धान की सीधे बुवाई, गन्ना की फसल के साथ सहफसली फसल, बागवानी एवं तिलहनी/ दलहनी की खेती से सम्बन्धित, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि से सम्बन्धित नवीनतम जानकारी दी गयी। कृषक भाईयों को सुझाव दिया गया कि वह खेती के साथ-साथ उद्यान, कृषि वानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन आदि अपनायें।
जनपद सम्भल के कृषक फूल कुमार द्वारा उर्द के क्षेत्रीय प्रजाति अलंकार की राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर उपलब्ध कराने की माँग की गयी। जनपद मुरादाबाद के कृषक राजेश कुमार द्वारा तहसील कॉठ में मृदा परीक्षण लैब स्थापित कराने की माँग की गयी। जनपद रामपुर के कृषक हरदीप सिंह ने अवगत कराया कि वह ड्रैगन फ्रूट, एवाकाडो के भण्डारण एवं मार्केटिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए।
जनपद बदायूँ के कृषक दयाराम राजपूत द्वारा मक्का की हार्वेस्टिंग/धेसिंग के बाद अनाज को सुखाने हेतु छोटे ड्रायर कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया। जनपद पीलीभीत के कृषक हरिओम सिंह द्वारा छुट्टा पशुओं से फसल को बचाने हेतु सोलर फेंसिंग को अनुदान पर उपलब्ध कराने की मांग की गयी। जनपद बरेली के कृषक ओमप्रकाश व अन्य कृषकों के द्वारा जैविक उत्पाद के परीक्षण हेतु एक प्रयोगशाला की स्थापना की मांग की गयी।
इस अवसर पर मा० राज्य मंत्री/प्रभारी मंत्री (पीलीभीत) कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग बलदेव सिंह औलख, उ०प्र० विधान परिषद बरेली सदस्य कुंवर महाराज सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष बरेली रश्मि पटेल, प्रमुख सचिव (कृषि), कृषि निदेशक, प्रबन्ध निदेशक उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम, संयुक्त कृषि निदेशक उर्वरक, मण्डलायुक्त बरेली सौम्या अग्रवाल, मण्डलायुक्त मुरादाबाद आंजनेय कुमार सिंह, दोनों मण्डलों के संयुक्त विकास आयुक्त, संयुक्त कृषि निदेशक बरेली/ मुरादाबाद, जिलाधिकारी बरेली अविनाश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी एवं बरेली/मुरादाबाद मण्डल के जनपदों के कृषकगण सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट