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रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में “इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी राइट्स:इंप्लीकेशन ऑन इन्नोवेशन”विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन


बरेली,23 मार्च। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के आईपीआर (बौद्धिक सम्पदा) सेल के तत्वाधान में कल एकदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ इस कार्यशाला का विषय “इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स:इंप्लीकेशन ऑन इन्नोवेशन ” रहा। कार्यशाला के प्रारंभ में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर मनोज कुमार सिंह ने उपस्थित वक्ताओं का अभिवादन किया और उनके विषय में बताया। तत्पश्चात उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह के पी सिंह जी को वक्तव्य के लिए आमंत्रित किया। कुलपति जी ने अपने वक्तव्य में बौद्धिक संपदा को सुरक्षित करने के विभिन्न विषयों को बताते हुए छात्रों से आवाहन किया कि वह स्वयं पेटेंट एप्लीकेशन करने वाली कंपनी बनाकर बौद्धिक संपदा को सुरक्षित कर सकते हैं उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि छात्रों के इस कार्य में आई. पी.आर. सेल एवं रुहेलखण्ड इनक्यूबेशन फाउंडेशन उनकी हर संभव सहायता करेगा।उन्होंने यह भी बताया कि 2022 से अब तक विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने 203 पेटेंट अप्लाई किए है। कार्यशाला के मुख्य अतिथि डॉक्टर अरुण चौधरी रहे। जो मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एन्ड रिन्यूअल एनर्जी के डिप्टी डायरेक्टर है। उन्होंने बताया की कार्बन उत्सर्जन में भारत की छवि अन्य देशों की तुलना में अच्छी है। यहां का कार्बन उत्सर्जन विकसित देशों की तुलना में काफी कम है। उन्होंने एक तुलनात्मक तथ्य दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में एक व्यक्ति द्वारा हुई बिजली की खपत भारत में 20 व्यक्तियों द्वारा हुई बिजली की खपत के बराबर है। साथ ही उन्होंने बहुत से नवीनीकरण ऊर्जा उपकरणों संबंधी नीतियों के विषय पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के मुख्य वक्ता और विश्वविद्यालय की ओर से पेटेंट एटर्नी श्री आलोक गुप्ता जी ने बौद्धिक संपदा को सुरक्षित करने हेतु पेटेंट की नीतियों के विषय में बताया। तत्पश्चात छात्र-छात्राओं ने विविध क्षेत्रों में बौद्धिक संपदा को सुरक्षित करने संबंधी नीतियों पर प्रजेंटेशन दिया। कार्यक्रम के अंत में डॉ इंद्रप्रीत कौर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का मंच संचालन सुश्री फरकुंदा रहमान ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर शोभना सिंह, डॉक्टर अनीता त्यागी, प्रोफेसर अर्चना गुप्ता, डॉ ज्योति पांडे , प्रोफेसर आलोक श्रीवास्तव,प्रो. पी पी सिंह, प्रोफेसर सलीम खान, प्रोफेसर के के माहेश्वरी, प्रोफेसर मनीष राय, डॉ हरि कुमार सिंह, डॉ डी डी शर्मा , डॉ विशाल सक्सेना, डॉ अतुल कटियार, डॉ अजय कुमार यादव,प्रोफेसर जे एन मौर्या, प्रोफेसर विनय ऋषिवाल, प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह एवं व्यवस्थापक समिति के सदस्य उपस्थित रहे।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट