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आरक्षण के मुद्दे पर यूपी में भारत बंद को सपा, बसपा, असपा का समर्थन

लखनऊ : अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को ‘भारत बंद’ का आयोजन किया। यूपी में सपा, बसपा, आजाद पार्टी समेत तमाम संगठनों ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया। लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर बसपा कार्यकर्ताओं ने अंबेडकर प्रतिमा के पास विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके हाथों में आरक्षण बचाने को लेकर बैनर-पोस्टर भी देखने को मिला। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के ‘अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है’ जैसे नारे लगाते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बहन जी (मायावती) के निर्देश पर समाज के लोग एकत्रित हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार ने बैक डोर से लागू करवाया। सरकार को चाहिए कि वह इस पर अध्यादेश लाए और इसे संविधान की नौवीं सूची में डाले, ताकि कोई भी सरकार इसके खिलाफ कोई फैसला न दे सके। दलितों को संविधान के तहत जो मूल आरक्षण मिला है वही हमें चाहिए।

आजाद समाज पार्टी (असपा) के लोग भी झंडा-बैनर लेकर भारत बंद को सफल बनाने पहुंचे। उनके बैनर में नगीना सांसद चंद्रशेखर रावण की तस्वीर लगी थी। उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनका कहना है कि ‘आरक्षण भीख नहीं, हमारा हक है’ और उसे हम हर हाल में लेकर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आगरा में भी लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। सड़कों पर जाम जैसी स्थिति हो गई।

समाजवादी पार्टी के लोगों ने मिर्जापुर में कलक्ट्रेट पर विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम दस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। लखीमपुर में भी बसपा समेत कई अन्य संगठन के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। बसपा, दलित पैंथर, आजाद समाज पार्टी समेत कई संगठनों के लोगों ने लखनऊ के अंबेडकर पार्क में एक बैठक की। इस दौरान तमाम संगठन के लोगों ने एक सुर में कहा कि देश में संविधान सबसे बड़ा है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश वर्मा ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भेजकर कहा है कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर तत्काल इस पर कानून बनाए, ताकि अनुसूचित वर्ग के लोगों का आक्रोश खत्म हो।

गौरतलब है कि एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त के फैसले के खिलाफ बुधवार को देशभर के कई संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया। संगठनों ने फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को क्षति होगी।

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