लखनऊ विश्वविद्यालय: प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव पर शिक्षक संघ ने जताई आपत्ति, दी आंदोलन की चेतावनी
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव को लेकर शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। शिक्षकों का कहना है कि यह बदलाव विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर सीधा हमला है और यदि इसे जबरन लागू किया गया, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। शिक्षक संघ ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के कुछ अधिकारी बिना किसी पूर्व तैयारी के विश्वविद्यालय पर राज्य स्तरीय कॉमन एडमिशन प्रक्रिया थोपने का प्रयास कर रहे हैं। इसको लेकर शिक्षकों ने राज्यपाल और उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर प्रवेश प्रक्रिया में कोई बदलाव न करने की मांग की है।
विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का दिया हवाला
शिक्षकों ने यह भी तर्क दिया कि पिछले पांच वर्षों में लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों के प्रवेश में 200 गुना वृद्धि हुई है और इस दौरान विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी हासिल की हैं। उनका कहना है कि इस तरह के बदलाव से विश्वविद्यालय की स्वायत्तता और उसकी शैक्षणिक गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
शिक्षक संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. आरबी सिंह और महामंत्री डॉ. अनित्य गौरव ने राज्यपाल और उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय एक स्वायत्त संस्था है, जिस पर प्रशासनिक नियंत्रण राज्यपाल का होता है, न कि सरकार का। प्रवेश और परीक्षा जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं से जुड़े निर्णय विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति और परीक्षा समिति द्वारा लिए जाते हैं, जिन्हें विद्या परिषद और कार्यपरिषद द्वारा अनुमोदित किया जाता है।
शिक्षक संघ ने चेतावनी दी कि यदि विश्वविद्यालय की स्वायत्त प्रक्रियाओं में अनधिकृत हस्तक्षेप जारी रहा, तो वे छात्रहित और विश्वविद्यालय की गरिमा की रक्षा के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।