झारखंड कैबिनेट का बड़ा फैसला, 3 साल तक बिना लाइसेंस चला सकेंगे उद्योग; किसे मिलेगा फायदा
नई दिल्ली: मंगलवार को झारखंड कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश में सूक्ष्म एवं लघु उद्योंगों को तीन साल तक के लिए ट्रेड लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अब झारखंड में उद्योग विभाग की सहमति मिलने भर से उद्योग का संचालन किया जा सकेगा। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है। हेमंत सोरेन सरकार ने यह फैसला सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लिया है। इसके अलावा मंगलवार को 12 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है।
ट्रेड लाइसेंस के बिना उद्योग चलाने की मंजूरी के साथ ही सोरेन सरकार ने पांचवे और छठे वेतनमान पर काम कर रहे कर्मियों और छठे वेतनमान के तहत पेंशनधारियों के महंगाई भत्ते में 1 जुलाई से बढ़ोत्तरी की गई है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्रिमंडल, निगरानी एवं सचिवालय विभाग के अपर सचिव राजीव कुमार ने बताया कि छठे वेतनमान पर काम कर रहे कर्मियों, पेंशनधारियों, पारिवारिक पेंशनधारियों का महंगाई भत्ता 239 प्रतिशत से बढ़ाकर 246 प्रतिशत किया गया है। वहीं पांचवे वेतनमान पर काम कर रहे कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 443 प्रतिशत से बढ़ाकर 455 प्रतिशत कर दिया गया है।
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने कारखाा अधिनियम-1948 में भी संशोधन करने का फैसला किया है। अब महिलाओं को कारखानों में रात में भी करने की छूट मिल जाएगी। इसमें महिला की सहमति के साथ शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक काम लिाय जा सकेगा। मंगलवार को हेमंत सोरेन कैबिनेट ने एमएसएमई उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बिना ट्रेड लाइसेंस उद्योग लगाने और उसे चलाने पर मुहर लगा दी। इसके लिए उद्योगों को तीन साल तक की छूट दी गई है, जिसके बाद वो लाइसेंस ले सकेंगे। इससे पहले तक किसी ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए बाध्य नहीं होंगे। उद्योग लगाने के लिए विभाग की सहमति लेने भर से काम चल जाएगा।